आयकर विभाग ने देश भर में 400 से भी अधिक बेनामी सौदों की पहचान की है। बेनामी कानून के तहत बुधवार को आयकर विभाग ने 240 से अधिक मामलों में संपत्तियों की अस्थायी तौर पर कुर्की की।
विभाग ने बताया कि उसने 240 मामलों में 400 से अधिक बेनामी सौदों का पता लगाया है और 600 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की है।
विभाग ने 1 नवंबर, 2016 से नए बेनामी लेन-देन (निषेध) संशोधन कानून के तहत कार्रवाइ शुरू की थी। इस कानून में अधिकतम सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
बेनामी संपत्ति में चल या अचल, मूर्त या अमूर्त (ब्रैंड, इक्विटी या इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) एवं वैसी संपत्तियां शामिल हैं जो उस व्यक्ति के नाम पर नहीं होती हैं जो हकीकत में इसका लाभ उठाता है।
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एक अधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'इनकम टैक्स डायरेक्टरेट्स ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने 23 मई 2017 तक 400 से ज्यादा बेनामी लेन-देन का पता लगाया है। इनमें बैंक अकाउंट्स, जमीन के प्लॉट्स, फ्लैट और जूलरी शामिल हैं।'
चल और अचल, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष और मूर्त और अमूर्त संपत्ति यदि उसके वास्तविक लाभ प्राप्त कर्ता के बजाय किसी दूसरे के नाम पर हो तो वह बेनामी संपत्ति होता है।
विभाग द्वारा एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आयकर जांच निदेशालय ने 23 मई, 2017 तक 400 से अधिक बेनामी लेनदेन की पहचान की थी। इनमें बैंक खातों में जमा, जमीन का टुकड़ा, फ्लैट और आभूषण शामिल है।
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बयान में यह भी कहा गया है कि कानून के तहत 240 से अधिक मामलों में अस्थायी रूप से संपत्तियों को कुर्क किया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य 600 करोड़ रुपए है।
IT Directorate of Investigation identified 400 benami transactions till 23 May. Attachment of properties worth Rs 600cr done in 240 cases.
— ANI (@ANI_news) May 24, 2017
कर विभाग ने कहा कि कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक मामलों में अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है। मूल्य के हिसाब से ये संपत्ती 530 करोड़ रुपए से अधिक की है।
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इसके अलावा विभाग ने भ्रष्टचार के जरिये कमाए धन का पता लगाने के लिए पिछले एक महीने में 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी भी की है।
विभाग ने ब्योरा देते हुए बताया कि जबलपुर में एक मामले में एक ड्राइवर के नाम 7.7 करोड़ रुपए की जमीन थी। इस जमीन की असली मालिक मध्य प्रदेश की लिस्टेड कंपनी और उसका नियोक्ता है।
इसी तरह मुंबई में एक पेशेवर के पास कई अचल संपत्तियां थीं, जो मुखौटा कंपनियों के नाम पर खरीदी गई थीं। ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर दर्ज थीं।
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Source : News Nation Bureau