केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के पर्यावरणीय "लाभ" को सामान्य समय के दौरान बनाए रखने के लिए अहम है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करें. जावड़ेकर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न अप्रत्याशित स्थिति के कारण, औद्योगिक गतिविधि, वाहनों की आवाजाही और निर्माण गतिविधियों में काफी कमी आई है, जिस कारण वायु और जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
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केंद्रीय मंत्री ने उनसे इस स्तर को सामान्य दिनों में भी बनाए रखने की कोशिश करने की गुजारिश की. जावड़ेकर ने कहा, "जब सामान्य जीवन फिर से शुरू होगा, यह वर्तमान पर्यावरणीय लाभ को बनाए रखने के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, लेकिन हमारे पास यह साबित करने का मौका है कि सामान्य गतिविधियों के दौरान भी हमारे पास काफी बेहतर पर्यावरण हो सकता है. "
जावड़ेकर ने कहा, " यह एक चुनौती है, जिसे राज्य के अधिकारी पर्यावरणीय मानदंडों और प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले नियमों को सख्ती से लागू करके पूरा करेंगे। हमें अपशिष्ट प्रबंधन, औद्योगिक निर्वहन, नदी की गुणवत्ता और उत्सर्जन का स्तर जैसी चीजों में सुधार पर ध्यान देना चाहिए." उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विभिन्न रिपोर्टों में बताया गया है कि हवा और पानी की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. साथ में ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आई है. मंत्री ने कहा कि लोगों में पर्यावरण को लेकर अधिक जागरूकता पैदा करने की जरुरत है जो बेहतर जीवन शैली प्रबंधन के जरिए पर्यावरण की सेहत में अच्छे बदलाव की सराहना कर सकें.''
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उन्होंने कहा, "मैं पर्यावरण के संरक्षण के साथ संयोजन के रूप में टिकाऊ विकास के विचार को आगे बढ़ाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता हूं जो प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के भारतीय दर्शन के स्थायी जीवन शैली प्रबंधन की बुनियाद पर आधारित हो। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सभी संबंधित विभागों से सभी संबंधित नियमों को लागू करने के लिए कहें, उनकी निगरानी करें और लाभ को बनाए रखने का प्रयास करें."
Source : Bhasha