छत्तीसगढ़ में आईटीबीपी के एक शिविर में कथित गोलीबारी की घटना की प्राथमिक जांच से पता चला है कि जिस जवान ने अपने पांच साथियों की हत्या की थी, उसने ऐसा करने के लिए अन्य जवान की बंदूक का इस्तेमाल किया था. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि कांस्टेबल मसुदूल रहमान का पांच जवानों से विवाद हो गया था और बुधवार को उसने उन पर गोली दागने के लिए अचानक कांस्टेबल बिजीश की ए के 47 राइफल उठा ली.
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सूत्रों के मुताबिक रहमान के पास अपना हथियार नहीं था क्योंकि उसने छुट्टी मंजूर हो जाने के बाद उसे इकाई के आयुध विभाग में जमा करा दिया था. सूत्रों के अनुसार प्रांरभिक जांच से यह भी सामने आया कि रहमान कांस्टेबल सुरजीत सरकार के साथ मुठभेड़ में मारा गया. कांस्टेबल बिजीश और सरकार मारे गये जवानों में शामिल हैं. इस घटना में जो अन्य जवान मारे गये वे कांस्टेबल बिश्वरूप महतो, हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह और दलजीत सिंह हैं. दो जवान घायल भी हो गये.
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बुधवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने कहा था कि नारायणपुर जिले के केदनार गांव में इस बल के शिविर में मुख्य आरोपी रहमान ने सुबह करीब साढ़े आठ बजे पांच अन्य की हत्या करने के बाद खुद को गोली मार ली थी. अधिकारियों ने बताया कि रहमान को छुट्टी मिल गयी थी और जिस दिन यह घटना घटी, उस दिन वह घर जाने वाला था. रहमान ने अपने यूनिट कमांडर से जुलाई में कहा था कि वह दिसंबर में घर जाने के लिए छुट्टी लेगा.
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अधिकारियों ने कहा, ‘‘ कुछ जवानों के साथ उसका कुछ विवाद हुआ था. अतीत में उनके बीच कुछ कहासुनी हुई थी. फिलहाल सटीक वजह का पता नहीं चला है.’’ आईटीबीपी ने कोर्ट ऑफ इनक्वायरी का आदेश दिया है जो उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की निगरानी में होगी. दो घायल जवानों में कांस्टेबल एस बी उल्लास की हालत गंभीर है जबकि कांस्टेबल सीताराम खतरे से बाहर बताया जा रहा है. ये सभी जवान आईटीबीपी की 45 वीं बटालियन से जुड़े थे. इस बटालियन को राज्य में नक्सल विरोधी अभियान पर लगाया गया है.
Source : Bhasha