जानें कौन थे तरुण मुनी और कैसे पवन जैन से बन गए तरुण सागर

मीडिया से एक बातचीत के दौरान उन्होंने इस बारे में पूरा किस्सा बताया था। इनका असली नाम पवन कुमार जैन था।

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abhiranjan kumar
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जानें कौन थे तरुण मुनी और कैसे पवन जैन से बन गए तरुण सागर
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क्रांतिकारी संत के नाम से चर्चित जैन मुनि तरुण सागर का निधन हो गया है। पूर्वी दिल्ली के कृष्णानगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे इन्होंने अंतिम सांस ली। तरुण सागर किसी भी मुद्दे पर अपनी राय मुखरता से रखते हैं। उनके बारे में बताया जाता है कि वह जलेबी खाते-खाते संत बन गए थे। इस बारे में हकीकत उन्होंने खुद ही बताया था।

मीडिया से एक बातचीत के दौरान उन्होंने इस बारे में पूरा किस्सा बताया था। उन्होंने बताया था कि वह छठी कक्षा में पढ़ाई के दौरान जलेबी खाते-खाते संन्यासी बन गए थे। इनका असली नाम पवन कुमार जैन था।

इस घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा था, 'मैं एक दिन स्कूल से घर जा रहा था। बचपन में मुझे जलेबियां बहुत पसंद थीं। स्कूल से वापस लौटते वक्त पास में ही एक होटल पड़ता था, जहां बैठकर मैं जलेबी खा रहा था। पास में आचार्य पुष्पधनसागरजी महाराज का प्रवचन चल रहा था। वह कह रहे थे कि तुम भी भगवान बन सकते हो, यह बात मेरे कानों में पड़ी और मैंने संत परंपरा अपना ली।'

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अपने बयानों के कारण तरुण मुनी अक्सर विवादों और चर्चाओं में रहे हैं। 26 अगस्त 2016 को हरियाणा विधानसभा को संबोधित किया था। अपनी परंपरा के मुताबिक, तरुण सागर इस मौके पर भी बिना कपड़ों के ही थे।

इसी पर डडलानी ने लिखा था, 'अगर आपने इन लोगों के लिए वोट दिया है तो आप आप इस बकवास के लिए जिम्मेदार हो। नो अच्छे दिन जस्ट नो कच्छे दिन।'

इस ट्वीट के बाद म्यूजिक कंपोजर विशाल डडलानी को जमकर फजीहत का सामना करना पड़ा था बाद में उन्होंने जैन मुनि तरुण सागर से माफी मांगी थी।

Source : News Nation Bureau

Jain Muni Tarun Sagar
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