जैश-ए- मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने कश्मीर (kasmir) में एक बार फिर से अपने नापाक हरकतों को अंजाम दिया है. जिसमें हमारे 18 जवान शहीद हो गए. ये पहली बार नहीं जब जैश-ए-मोहम्मद ने भारत पर हमला किया है. इससे पहले भी वो हमारे देश को अपना निशाना बना चुका है. मसूद अज़हर (masood azhar) नामक पाकिस्तानी पंजाबी नेता ने मार्च 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन की नींव रखी. इससे पहले मसूद अजहर को भारत सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसे छुड़ाने के लिए आतंवादियों ने 1999 में भारत के विमान को अगवा कर लिया था. इस विमान नें 814 यात्री सवार थे. इन यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को मसूद अजर को कंधार ले जाकर छोड़ना पड़ा था.
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-जिसके बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद संगठन बनाया. साल 2001 में जैश ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर नई दिल्ली में संसद पर हमला किया. जिसमें संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे. एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था.ट
-24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों ने मिलकर गुजरात के गांधी नगर में अक्षरधाम मंदिर में हमला किया था.
-29 अक्टूबर 2005 दिल्ली सीरियल ब्लास्ट हुआ था. जिसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश का हाथ बताया गया. दिल्ली के तीन जगह पर पहाड़गंज मार्किट, सरोजिनी नगर मार्किट और गोविंदपुरी में बम ब्लास्ट में 62 लोग मारे गए और करीब 210 घायल हुए थे.
-2 जनवरी 2016 में पठानकोट में जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हमला किया. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे.
Source : Nitu Kumari