पाकिस्तानी सेना (Pakistani army) के स्पेशल सर्विस ग्रुप(एसएसजी) ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की पहली वर्षगांठ पांच अगस्त और स्वंतत्रता दिवस-15 अगस्त से पहले भारत में हमले करने के लिए अफगानिस्तान में जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के करीब 20 आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया है. खुफिया सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि गैरपरंपरागत युद्ध (सीमा-पार आतंकवाद) में निपुण पाकिस्तानी सेना के एक विशेष बल, एसएसजी ने चार से पांच आतंकवादियों (Terrorists) के दस्तों को प्रशिक्षित किया है, जिन्हें जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार भारत में भेजने की कोशिश की जा रही है.
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एक शीर्ष आधिकारिक सूत्र ने बताया कि हमलावरों में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित जैश या लश्कर के आंतकवादी हो सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि पूरे जम्मू सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ अग्रिम लांचिंग पैड्स के पास लश्कर और जैश के प्रशिक्षित आतंकवादियों का जमावड़ा है. जम्मू एवं कश्मीर के खुफिया एजेंसियों का मानन है कि जम्मू क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और पंजाब के पास की सीमा से बड़ी संख्या में आतंकवादी घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे.
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि पांच अगस्त से पहले लश्कर और जैश के आतंकवादियों की गतिविधि बढ़ सकती है. पिछले वर्ष पांच अगस्त को ही जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, स्थानीय युवाओं समेत तीन आतंकवादियों का एक समूह कश्मीर में बीएसएफ कैंप पर हमला करने की योजना बना रहा है. रक्षा सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि एलओसी के पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं. अभी हाल ही में कुपवाड़ा जिले में घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम भी किया गया है.
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हाल ही में, कश्मीर केंद्रित प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुदीन ने अपने नवीनतम ऑडियो टेप में कश्मीर के लोगों को इस्लाम के नाम पर उकसाने और भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की अपील की थी. वहीं जैश-ए-मुहम्मद इन दिनों अफगानिस्तान में सक्रिय है. बीते हफ्ते अफगानिस्तान के खोगयानी जिले के मिर्जा खेल में अफगान बलों के द्वारा 31 आतंकवादी मारे गए थे, जिसमें जैश के 13 आतंकवादी शामिल थे.