नगरोटा मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों को जो सबूत मिले हैं वह पुख्ता तौर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को ही फिर से कठघरे में खड़े कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात जो निकल सामने आ रही है, वह यह है कि मारे गए चारों आतंकी पाकिस्तान में बैठे जैश सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला के संपर्क में थे. यही नहीं. उनके पास से बरामद डिजिटल मोबाइल रेडियो (डीएमआर) समेत जीवनरक्षक दवाएं और अन्य साज-ओ-सामान पाकिस्तान निर्मित था. रेडियो से मिले टेक्स्ट मैसेज भी पाकिस्तान को ही भारत में आतंक फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. यह मैसेज बताते हैं कि मुठभेड़ के वक्त भी आतंकी पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थे.
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रऊफ लाला के संपर्क में थे आतंकी
गुरुवार को नगरोटा में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के चारों आतंकी पाकिस्तानी थे. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक ये सभी आतंकी जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव के दौरान बड़े हमले के मकसद से भेजे गए थे और पाकिस्तान में बैठे जैश सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला से लगातार संपर्क में थे. जांच एजेंसियों ने बताया कि जिस समय आतंकियों का एनकाउंटर किया गया उस वक्त भी रऊफ लाला इन सभी आतंकियों को निर्देश दे रहा था. इस बात के अब पुख्ता सबूत हाथ लग गए हैं कि जैश के इन आतंकियों को पाकिस्तान से भेजा गया था और वहीं से उन्हें निर्देश भी दिए जा रहे थे.
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डीएमआर पर ले रहे थे पल-पल की जानकारी
जांच एजेसी को आतंकियों के पास से पाकिस्तान की एक कंपनी का डीएमआर बरामद हुआ है. डीएमआर पर आतंकियों को मैसेज किया गया, 'कहां पहुंचे. क्या माहौल है. कोई मुश्किल तो नहीं है.' उस पर आतंकी ने जवाब दिया, '2 बजे'. ये सारी चैट रोमन लैटर्स में है. एजेंसी को शक है कि ये मैसेज पाकिस्तान के शकरदढ़ से भेजे गए हैं. इस बीच इन आतंकियो ने कहा से घुसपैठ की और कहां से ट्रक में बैठे इसकी जांच चल रही है. सांबा की तरफ से जम्मू के लिए आ रहे ट्रक ने सरोर टोल प्लाजा, जो नगरोटा बन टोल प्लाजा से करीब 65 किलोमीटर दूर है, पर 3.45 मिनट पर टोल कटवाया था. सरोर से बन टोल पहुंचने में ट्रक को करीब एक घंटे का समय लगा था और करीब 4.45 मिनट पर मुठभेड़ शुरू हुई थी.
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बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे आतंकी
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक एमपीडी-2505 डिजिटल मोबाइल रेडियो को पाकिस्तान की कंपनी माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स बनाती है. इसके साथ ही एक वायरलेस सेट और एक जीपीएस डिवाइस भी बरामद हुई है जिसकी जांच में पता चला है कि ये सभी डिवाइस पाकिस्तान से ही ली गई हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने और सांबा के दक्षिण में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पूर्व निर्धारित बिंदु तक पहुंचने के बाद आतंकवादी घाटी की ओर बढ़ रहे थे. भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी से स्पष्ट है कि वे घाटी में बड़े हमले के इरादे से आए थे. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का भी शक है की शायद ड्रोन के जरिये पहले ये हथियार पहुंचाए गए हैं.
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शक्करगढ़ में दिखा था रऊफ लाला
खुफिया जानकारी के मुताबिक रऊफ लाला कुछ दिन पहले ही जम्मू के सांबा और हीरानगर सेक्टर के उस पार पाकिस्तान के शक्करगढ़ में देखा गया था. 31 जनवरी को भी रऊफ लाला ने इसी तरह आतंकियों की घुसपैठ की साजिश रची थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने बन टोल प्लाजा के पास उन्हें घेरकर मार गिराया था. सूत्रों का कहना है कि आतंकी गुरुवार-शुक्रवार को अमावस्या की रात सांबा सेक्टर के पास नाले को पार करके दाखिल हुए. आतंकियों ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए सीमा को पार किया. बता दें कि जम्मू और कश्मीर से 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वह कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश में है.