विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री हेंग स्वे केट से मंगलवार को मुलाकात की और दोनों नेताओं ने ‘‘नये भारत’’ द्वारा मुहैया कराए जा रहे अवसरों के जरिए संबंधों के नए आयामों पर चर्चा की.
जयशंकर सिंगापुर की यात्रा पर यहां आए हैं. केट के साथ मुलाकात के दौरान उनके साथ नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप एस पुरी भी थे. केट सिंगापुर के वित्त मंत्री भी हैं.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘मंत्री हरदीप एस पुरी के साथ मिलकर उप प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री हेंग स्वे केट के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक की. ‘नये भारत’ द्वारा मुहैया कराए जा रहे अवसरों को तलाशने के लिए भारत-सिंगापुर के एजेंडे को पुन: ताजा करने पर चर्चा की.’
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जयशंकर ने सिंगापुर के रक्षा मंत्री एन एंग हेन से भी मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘रक्षा मंत्री एन एंग हेन के साथ बैठक की. हमेशा की तरह उनकी अंतरदृष्टि और मूल्यांकनों से लाभ हुआ.’
जयशंकर ने सोमवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात की थी और उनसे विश्व से जुड़े मामलों एवं द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की थी.
उन्होंने सिंगापुर के अपने समकक्ष विवियन बालकृष्णन के साथ छठे संयुक्त मंत्रिस्तीय आयोग की सह-अध्यक्षता भी की और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विषयों की समीक्षा की.
उन्होंने सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्री चान चुन सिंग से भी व्यापार एवं निवेश बढ़ाने को लेकर बातचीत की.
जयशंकर ने भारत-सिंगापुर व्यापार एवं नवोन्मेष शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने आसियान एवं अन्य देशों के बीच प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल होने को लेकर भारत की आपत्तियां जताते हुए कहा कि भारत को चीन की ‘संरक्षणवादी नीतियों’ को लेकर चिंता है क्योंकि इनके कारण दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा बहुत बढ़ गया है.
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चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2018 में 57 अरब डॉलर से अधिक है.
आरसीईपी, आसियान देशों और उनके छह मुक्त व्यापार साझेदारों के बीच प्रस्तावित एक मुक्त व्यापार एवं निवेश व्यवस्था है. इस वार्ता में आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल है. उसके छह मुक्त व्यापार साझेदार ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड हैं.