केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने सोमवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना का परिदृश्य देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भारत आने वाले समय में प्रथम श्रेणी की औद्योगिक शक्ति बनता है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आज किस तरह के फैसले लिये जा रहे हैं.
जयशंकर ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा आयोजित किए गये डेक्कन संवाद के तीसरे संस्करण में कहा कि भारत ने खुली नीति के तहत सब्सिडी वाले उत्पादों तथा अन्य देशों के अनुचित व्यवहार व उत्पादन लाभ को यहां हावी होने दिया. इन सभी को खुली और वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था के नाम पर तार्किक साबित किया गया.
उन्होंने कहा कि अतिशयोक्ति के बिना, अब हम जो निर्णय लेंगे वह यह निर्धारित करेगा कि भारत एक प्रथम श्रेणी की औद्योगिक शक्ति बन पायेगा या नहीं... आत्मानिर्भर भारत का दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण है. यह दृष्टिकोण, दूसरों को हमारी भविष्य की संभावनाओं को तय करने की अनुमति देने के बजाय, मजबूत राष्ट्रीय क्षमताएं विकसित करने का मामला है.
सीमापार से होने वाले आतंकवाद को सबकी नजरों के सामने रखा है भारत ने : जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सीमापार से आतंकवाद को झेल रहे भारत ने उसे सभी के सामने लाने के लिए अथक परिश्रम किया है और धीरे-धीरे दुनिया भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की वैश्विक प्रकृति को समझने लगी है. पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से भारत के निकटतम पड़ोसियों में से एक देश सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद में शामिल है.
उन्होंने कहा कि 9/11 हमले के बाद आतंकवाद ‘मेरी समस्या नहीं है’ का युग समाप्त हो गया, लेकिन अभी भी इस संबंध में पूरे मन से अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रयास होना बाकी है. यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) में आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हमारे निकटतम पड़ोस में ही सीमापार से होने वाले सरकार प्रायोजित आतंकवाद का सटीक उदाहरण मौजूद है. दुनिया धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की वैश्विक प्रकृति को समझने लगी है.
Source : Bhasha