विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के समर्थन करने पर इस आतंकी देश को कड़ा संदेश दिया है. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद, कट्टरता और हिंसा जैसी ताकतें उन्हें पोषित करने वालों का शिकार करने वापस आती हैं. जयशंकर ने किर्गिस्तान में एशिया में बातचीत और विश्वास निर्माण उपायों की छठी मंत्रीस्तरीय बैठक में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी कनेक्टिविटी परियोजनाओं के केंद्र में राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए. यह टिप्पणी 15 अगस्त को काबुल के तालिबान अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर नई दिल्ली में बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि के खिलाफ आई है.
यह भी पढ़ें : पाक की नई दंगाई साजिश, अब हाइब्रिड आतंकी मार रहे हिंदू-सिख को
भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) जैसे बीआरआई के तहत पहल का भी विरोध किया है क्योंकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के माध्यम से एक महत्वपूर्ण गलियारा गुजरता है. जयशंकर ने आतंकवाद को सीआईसीए के सदस्यों के लिए शांति और विकास के सामान्य लक्ष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बताया, जो एशिया में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के दृष्टिकोण से बहुराष्ट्रीय मंच है. इसे वर्ष 1999 में कजाकिस्तान के नेतृत्व में स्थापित किया गया था. हम एक राज्य द्वारा दूसरे के खिलाफ आतंकवाद का उपयोग का सामना नहीं कर सकते हैं.
जयशंकर ने पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदर्भ में कहा कि सीमा पार से आतंकवाद कोई राजकाज नहीं है. यह आतंकवाद का एक और रूप है. “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे के खिलाफ एकजुट होना चाहिए जैसा कि जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसे मुद्दों पर गंभीरता से होता है. अतिवाद, कट्टरपंथ, हिंसा और कट्टरता का इस्तेमाल हितों को आगे बढ़ाने के लिए किया जा सकने वाला कोई भी आकलन बहुत ही अदूरदर्शी है. ऐसी ताकतें उन लोगों को परेशान करने के लिए वापस आएंगी जो उनका पालन-पोषण करते हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्थिरता की कोई भी कमी कोविड-19 को नियंत्रण में लाने के सामूहिक प्रयासों को कमजोर करेगी और इसलिए अफगानिस्तान की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है.
HIGHLIGHTS
- जयशंकर ने किर्गिस्तान में छठी मंत्रिस्तरीय बैठक में लिया हिस्सा
- चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर भी निशाना साधा
- कोरोना-जलवायु परिवर्तन की तरह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत