जामिया में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर गोली चलाने वाले नाबालिग को JJB ने 14 दिनों की प्रोटेक्टिव कस्टडी में भेज दिया. यह छात्र बालिग है या नाबालिग इस बात की जांच करने के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अर्जी दी गई है. हालांकि इस छात्र की 10वीं की मार्कशीट के मुताबिक यह अभी नाबालिग है. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अप्लीकेशन के बाद गोली चलाने वाले लड़के की उम्र की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा. उसके बाद जब यह मेडिकल बोर्ड इजाजत देगा तब उसके बाद बोन ओसिफिकेशन टेस्ट होगा, जिसके बाद इस लड़के के उम्र का सही पता चलेगा और फिर इस पर कौन से केस चलाए जाएं यह तय किया जाएगा.
10वीं की मार्कशीट के मुताबिक नाबालिग अभी 11वीं क्लास का छात्र है, JJ बोर्ड ने उसको एग्जाम के लिए किताबें मुहैया करवाने के लिए बोला है, ट्यूशन के लिए भी पूछा जिसका उसने कोई जवाब नही दिया है. पुलिस की जांच में इस बात का पता चला है कि इस लड़के ने 10 हजार रुपये में गांव के एक शख्स से देशी कट्टा खरीदा था. यह लड़का चंदन गुप्ता और आरएसएस नेता कमलेश तिवारी की हत्या से आहत था, कश्मीरी पंडितों के उत्पीड़न की सोशल मीडिया पोस्ट पढ़ता था, ये पोस्ट्स भी उस लड़के को आहत करती थी. इसके अलावा यह लड़का गांव की होने वाली रामलीला में भाग लेता था इसकी सेवा कुटीर में कॉउंसललिंग होगी.
वहीं गुरुवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर इस लड़के ने फायरिंग की थी. नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पुलिस बैरिकेटिंग को पार करते हुए एक युवक पहुंचा और बंदूक लहराते हुए उसने प्रदर्शनकारियों पर 'ले लो आजादी' कहते हुए गोली चला दी. आपको बता दें कि यह फायरिंग उस दौरान हुई जब जामिया में मार्च निकाला जा रहा था. गोली चलते ही मार्च में अफरा तफरी मच गई. बताया जा रहा है युवक मार्च का विरोध कर रहा था और इसी दौरान उसने गोली चला दी. गोली चलाने से पहले उसने जमकर नारेबाजी भी की. उसने छात्रों से कहा, 'आकर ले लो आजादी' और गोली चला दी. जानकारी के मुताबिक फायरिंग के बाद मार्च को रोक दिया गया है और किसी को भी आगे जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
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दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भी रात में लोगों और छात्रों ने प्रदर्शन किया और सीएए के खिलाफ नारेबाजी की. विश्वविद्यालय और पुलिस अधिकारियों के अनुसार जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर शुरू हुआ प्रदर्शन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए चार लोगों को रिहा किए जाने के बाद खत्म हो गया. पुलिस ने गोली चलाने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया. घायल छात्र शादाब फारुक के हाथ से खून बहते हुए देखा गया. उसे एम्स ट्रामा सेंटर ले जाया गया. फारुक जनसंचार का छात्र है और वह कश्मीर का रहने वाला है. इस पूरी घटना से क्षेत्र में खलबली मच गई.
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दिल्ली पुलिस का यह बयान तब आया जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने दिल्ली पुलिस की आलोचना की और आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि बल के जवान ‘मूक दर्शक’ बने रहे. विशेष पुलिस आयुक्त(खुफिया) प्रवीर रंजन ने कहा, जब तक पुलिस कुछ समझ पाती व्यक्ति गोली चला चुका था. यह महज कुछ सेकेंड में हुआ. जांच चल रही है. मामला अपराध शाखा को भेज दिया गया है. हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या वह व्यक्ति नाबालिग है. जामिया नगर में बृहस्पतिवार को उस समय तनाव उत्पन्न हो गया जब संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समूह पर एक व्यक्ति द्वारा पिस्तौल से गोली चलाए जाने से जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का एक छात्र घायल हो गया.