यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र (यूजीसी-एचआरडीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने देशभर से ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल होने वाले नवनियुक्त शिक्षकों के लिए अपना 5वां ऑनलाइन फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम (एफआईपी) शुरू किया है।
जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने एफआईपी के महत्व को रेखांकित किया। यह शिक्षण की नई तकनीकों को सीखने और इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए व्यावहारिक ज्ञान वृद्धि कर समाज में बहुत सारे बदलाव लाने के लिए एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। उन्होने कहा कि यह देश को आगे ले जा सकता है।
उन्होंने क्षमता संवर्धन की प्रासंगिकता के बारे में भी बताया जो एक शिक्षक के लिए सकारात्मक परिणाम लाती है। प्रोफेसर नजमा अख्तर ने शिक्षण में अनुसंधान के महत्व को भी समझाया। साथ ही आशा व्यक्त की कि प्रतिभागियों को एफआईपी में गहन अकादमिक इनपुट और एक्सपोजर मिलेगा जो उनके भविष्य के विकास और सामाजिक परिवर्तन के लिए उपयोगी होगा।
जामिया के प्रोफेसर एजाज मसीह ने अपने संबोधन में परम्परागत, पारंपरिक, परिवर्तनकारी और साथ ही नवीन शिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि यह समय की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मौजूदा शिक्षा प्रणाली के साथ तालमेल बिठाना चाहिए जो वर्तमान में अधिक पश्चिमोन्मुख है।
उन्होंने भारतीय शिक्षा सेवाओं (आईईएस) के विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसके माध्यम से भारतीय शिक्षा में सुधार किया जा सकता है। साथ ही उस अलगाव को दूर किया जा सकता है जो इस समय हमारी शिक्षा प्रदान कर रही है।
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Source : IANS