हिजाब विवाद पर HC का फैसला सुरक्षित, फिर भी जमीयत ने कही ये बात

हिजाब विवाद का उल्लेख करते हुए मदनी ने कहा, ‘कुरान और हदीस में हिजाब पर इस्लामी दिशा-निर्देश यही कहते हैं कि शरीयत के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के लिए हिजाब जरूरी है.’

author-image
Nihar Saxena
New Update
Arshad Madni

हिजाब पर रार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कर्नाटक हाईकोर्ट ने भले ही उडुपी से शुरू हुए हिजाब विवाद पर लगभग एक पखवाड़े तक चली सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया हो, लेकिन इसके पक्ष-विपक्ष में चल रही रार में कोई कमी नहीं आई है. अब देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लामी सिद्धांतों एवं शरीयत के लिहाज से बेहद जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने से रोकना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन भी है.

जमीयत की कार्यसमिति की बैठक
बीते दिन जमीयत की कार्य समिति की एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, हिजाब से जुड़े हालिया विवाद, सामाजिक मुद्दों, आधुनिक शिक्षा, लड़के और लड़कियों के लिए स्कूल और कॉलेज की स्थापना और समाज सुधार के तरीकों अथवा कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की गई. मौलाना अरशद मदनी की अध्यक्षता में संगठन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं हो सकती. धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों का हमें विरोध करना चाहिए.’

यह भी पढ़ेंः  रूसी सेना का तेल डिपो पर हमला, यूक्रेन ने दी केमिकल हमले की चेतावनी

शरियत के लिहाज से हिजाब जरूरी
यही नहीं मदनी ने कहा, ‘देश की वर्तमान स्थिति निस्संदेह निराशाजनक है, लेकिन हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस देश में बड़ी संख्या में न्यायप्रिय लोगों हैं जो सांप्रदायिकता, धार्मिक अतिवाद और अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अन्याय के खि़लाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं.’ कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद का उल्लेख करते हुए मदनी ने कहा, ‘कुरान और हदीस में हिजाब पर इस्लामी दिशा-निर्देश यही कहते हैं कि शरीयत के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के लिए हिजाब जरूरी है.’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत अल्पसंख्यकों को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार हासिल है. मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने से रोकना एक लिहाज से अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है.’

HIGHLIGHTS

  • जमीयत ने हिजाब पहनने से रोकने को संविधान का उल्लंघन बताया
  • कहा- अनुच्छेद 25 के तहत अल्पसंख्यकों को मिली धार्मिक आजादी
hijab-controversy Constitution Karnataka High Court हिजाब विवाद कर्नाटक हाई कोर्ट शरियत Jamiat Ulema E Hind Maulana Arshad Madni Shariyat जमीअत उलेमा ए हिंद मौलाना अरशद मदनी संविधान प्रदत्त अधिकार
Advertisment
Advertisment
Advertisment