जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने सोनिया गांधी से अपील की है कि वो शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार ना बनाए. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ अरशद मदनी ने पत्र लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की कि महाराष्ट्र में शिवसेना की मदद नहीं करें. इससे कांग्रेस पर बुरा असर पड़ेगा.
अरशद मदनी ने लिखा, आदरणीय मैडम...उम्मीद है कि आपकी सेहत अच्छी है. मैं आपका ध्यान महाराष्ट्र के राजनीतिक की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप शिवसेना का समर्थन करने की सोच रही हैं. यह कांग्रेस के लिए बहुत ही खतरनाक और जोखिम भरा कदम साबित हो सकता है.उम्मीद है कि आप मेरा निवेदन अच्छी भावना के साथ लेंगी.
बता दें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है. शिवसेना, बीजेपी का साथ छोड़ दी है, जिसकी वजह से अभी तक सरकार नहीं बन पाई है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की तरफ उम्मीद लगाकर बैठी हुई है कि इनके समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी.
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इधर, महाराष्ट्र में सरकार के गठन (Maharashtra Govenrment) को लेकर कांग्रेस (Congress), एनसीपी (NCP) और शिवसेना (Shiv Sena) में असमंजस बरकरार है. इसे लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) सोमवार शाम को दिल्ली स्थित 10 जनपथ में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मिलने पहुंचे हैं.
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शरद पवार राज्य की वर्तमान स्थिति से सोनिया गांधी को अवगत कराएंगे, क्योंकि शिवसेना ने सीएम पद की कुर्सी की मांग की है. इससे पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन टूट गया है. इस बीच बीएमसी में मेयर पद का चुनाव है, जिसमें कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.