जम्मू-कश्मीर से धारा 144 हटाने, वहां के हालात की समीक्षा के लिए न्यायिक आयोग गठित करने और उमर अब्दुल्ला-महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है. कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने जम्मू-कश्मीर में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जम्मू-कश्मीर से कर्फ्यू हटाने, फोन लाइन, इंटरनेट, न्यूज चैनल और अन्य प्रतिबंध हटाने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से दलीलें पेश कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से पूछा, 'आप इसे (प्रतिबंध) कब तक जारी रखने वाले हैं? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'हम हालात की रोजाना समीक्षा कर रहे हैं. यह बेहद संवेदनशील है और सभी के हित में है. एक भी बूंद खून नहीं बहा, किसी की जान नहीं गई. केंद्र सरकार बहुत सतर्कता बरत रही है.
याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं को बहाल किया जाना चाहिए. अस्पतालों में संचार सेवाएं दुरुस्त की जानी चाहिए. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने पर काम कर रहे हैं.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद करेंगे और फिर वहां की समीक्षा करेंगे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो