जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता हसीब द्राबू को पीडीपी ने कैबिनेट से निकाल दिया है। उनको कैबिनेट से हटाने के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अनुरोध को राज्यपाल एनएन वोहरा ने स्वीकार कर लिया है।
हसीब द्राबू ने कश्मीर पर एक विवादित बयान दिया था जिसके बाद पीडीपी ने उन्हें एक नोटिस भी जारी किया। उन्होंने रविवार को दिल्ली में कहा था कि कश्मीर की समस्या एक राजनीतिक नहीं, बल्कि एक सामाजिक मुद्दा है।
द्राबू के इस बयान को पार्टी की नीतियों के खिलाफ माना गया और उसे अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि द्राबू की सफाई के बाद भी पीडीपी ने उन्हें कैबिनेट से हटाने का फैसला कर लिया।
उन्हें हटाने के लिये राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एन एन वोहरा को अपना पत्र भेजा है। जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
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पार्टी का कहना है कि द्राबू का बयान कश्मीर को लेकर पार्टी की नीतियों के खिलाफ है। पीडीपी के उपाध्यक्ष सरताज मदनी ने कहा था 'पीडीपी कश्मीर के विषय को एक राजनीतिक मुद्दा मानती है और पार्टी ने अपनी स्थापना के समय से ही इस मुद्दे को बातचीत के जरिये हल करने पर जोर दिया है। ऐसे में कोर एजेंडे से जुड़े किसी विषय पर बयान देते समय वरिष्ठ नेताओं को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।'
नेशनल कॉंफ्रेंस के नेता और जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि हसीब द्राबू का नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाषण देना महंगा पड़ गया।
उमर ने ट्वीट किया, 'उनका( द्राबू) फिक्की में दिया गया भाषण उनको महंगा पड़ गया... यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्रालय में उनका स्थान कौन लेता है।'
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Source : News Nation Bureau