कश्मीर में बड़े आतंकी भर्ती का मॉड्यूल का खुलासा हुआ है. इस मामले में एक पीएचडी के छात्र को भी गिरफ्तार किया गया है. यह केंद्रीय विश्वविद्यालय का छात्र है. इस मामले में हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े उसके दो सहयोगियों की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार, कुलगाम पुलिस को मिली विशेष जानकारी के अनुसार कार्रवाई की गई. इसमें डॉ सबील नाम का शख्स सामने आया. ये जिला कुलगाम और इसके आसपास के इलाकों के युवाओं को आतंकवादी संगठन में भर्ती करने की योजना तैयार कर रहा था.वह उनको आर्थिक सहायता दे रहा था.इसके साथ साजों सामान मुहैया करा रहा था.
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कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी का छात्र गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि बड़े प्रयासों के बाद एक संदिग्ध वाहन को रोका गया. जब कागजात मांगे गए तो यह बता सामने आई कि वाहन का उपयोग कुलगाम के अश्मुजी निवासी डॉ रुबानी बशीर द्वारा हो रहा था. बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान, उसने अपना कोड नेम डॉ. सबील बताया, जो कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय का पीएचडी छात्र है और उसने वहां सहायक प्रोफेसर के रूप में नौकरी के लिए आवेदन भी किया है. बताया जा रहा है कि बशीर ने दो युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर किया.
पूछताछ में दो नाम सामने आए
पुलिस के अनुसार, डॉ रुबानी बशीर से पूछताछ में दो नाम सामने आए हैं. एचएम/जेईएम से जुड़े दो आतंकियों और सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है. इनकी पहचान फाजिल अहमद पैरे और तारिक अहमद नायकू उर्फ चावला के रूप में हुई है. इस खुलासे में पता चला है कि बशीर के पास से चीन निर्मित एक पिस्तौल थी.पिस्तौल की एक मैगजीन के साथ 9एमएम की नौ गोलियां मिली हैं.वहीं फाजिल अहमद पैरे के पास एक एके-47 मैगजीन और 19 एके-47 की गोलियां मिली हैं.
HIGHLIGHTS
- हिजबुल और जैश से जुड़े उसके दो सहयोगियों की गिरफ्तारी
- युवाओं को आतंकवादी संगठन में भर्ती की योजना तैयार कर रहा था
- बशीर के पास से चीन निर्मित एक पिस्तौल थी