Advertisment

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अब तक इतने लोगों पर PSA के तहत की गई कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत 444 व्यक्तियों के खिलाफ डिटेंशन आदेश जारी किए गए. वहीं वर्तमान में पीएसी के तहत 389 लोग हिरासत में हैं. बुधवार को राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान गृह मंत्रालय (MHA) में इसकी जानकारी दी.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अब तक इतने लोगों पर PSA के तहत की गई कार्रवाई

राज्यसभा( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

जम्मू-कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत 444 व्यक्तियों के खिलाफ डिटेंशन आदेश जारी किए गए. वहीं वर्तमान में पीएसी के तहत 389 लोग हिरासत में हैं. बुधवार को राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान गृह मंत्रालय (MHA) में इसकी जानकारी दी. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम है. घाटी में अशांति नहीं फैले इसे लेकर अभी भी चौतरफा नजर रखी जा रही है. बधुवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि अगस्त 2019 से 444 व्यक्तियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत डिटेंशन आदेश जारी किए गए. वर्तमान में, पीएसए के तहत 389 व्यक्ति हिरासत में हैं.

बता दें कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम में बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक की गिरफ्तारी या नज़रबंदी की अनुमति देता है.

इसे भी पढ़ें:निर्भया के दोषियों की नहीं होगी अलग-अलग फांसी, दिल्‍ली हाई कोर्ट ने खारिज की मोदी सरकार की याचिका

यह कानून 1970 में जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया गया था, क्योंकि उस समय ऐसे अपराध में शामिल लोग मामूली हिरासत के बाद आसानी से छूट जाते थे. पूर्व मुख्यमंत्री और फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला ने लकड़ी तस्करों के खिलाफ इस अधिनियम को एक निवारक के रूप में लाए थे, जिसके तहत बिना किसी मुकदमे के दो साल तक जेल की सजा देने का प्रावधान किया गया था.

1990 के दशक की शुरुआत में जब राज्य में उग्रवाद भड़का तो पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) पुलिस और सुरक्षा बलों के काम आया. अब इस कानून के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति जिसकी उम्र 16 साल से उपर है को हिरासत में लिया जा सकता है.

और पढ़ें:निर्भया की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसला का किया स्वागत, कही ये बड़ी बात

बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जिन-जिन नेताओं को नजरबंद किया गया है वो इसी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत नजरबंद किया गया है.

rajya-sabha home ministry MHA public safety act
Advertisment
Advertisment