राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा कश्मीर में लागू धारा 370 (Article 370) और (Article 35A) को खत्म करने के प्रस्ताव को पेश किया गया. इसके बाद राज्यसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी. इसका सीधा मतलब ये है कि जम्मू कश्मीर से 35ए को हटा दिया गया है और धारा 370 को भी हटाया जाएगा. इसके साथ ही राज्यसभा में ये भी ऐलान किया गया है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलेगा. यहां देखिए सेना की तैनाती से लेकर सोमवार को आए बीजेपी के ऐतिहासिक फैसले का सफर...
26-8-2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पहले ही कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे. इस साल बनने वाली मोदी सरकार 2.0 में अमित शाह की गृह मंत्री पद पर ताजपोशी स्पष्ट संकेत थी कि पीएम मोदी इस समस्या को हर हाल में खत्म करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ हैं. खासकर अनुच्छेद 370 व 35-ए को लेकर मोदी सरकार का रवैया बिल्कुल साफ था. इस कड़ी में अचानक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का श्रीनगर पहुंचना तमाम कयासों को बल दे रहा था. डोभाल ने इस दौरान स्थानीय प्रशासन से लेकर सेना के कई अधिकारियों से मुलाकात की थी.
गौरतलब है कि मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद अजीत डोभाल का यह पहला दौरा था. इस दौरे के साथ ही अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाने को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं. खबर है कि डोभाल इसी मकसद से घाटी पहुंचे थे, जिससे वह वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले जरूरी एक्शन प्लान बना सके.
27-7-2019
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की दिशा में सरकार ने एक ओर कदम बढ़ाते हुए यहां अर्धसैनिक बलों की 100 और कंपनियां तौनात की गई थी. सरकार ने यहां मौजूद काउंटर इंसरजेंसी ग्रिड को और मजबूत बनाने के लिए ये कदम उठाया था. हाल के आने वाले दिनों में करीब 16000 और जवान को घाटी की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे. गृह मंत्रालय ने कश्मीर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ समेत अन्य बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया गया था.
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ10, एसएसबी की 30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की गई थीं. वहीं बताया जा रहा था कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर और आर्टिकल 35-A से जुडें मुद्दें पर कुछ बड़ा ऐलान कर सकती है.
28-7-2019
जम्मू एवं कश्मीर में 10 हजार जवानों की अतिरिक्त तैनाती के साथ ही सेना को भी अलर्ट कर दिया गया था. बताया जा रहा था कि कश्मीर में किसी बड़े अभियान की तैयारी है. सूत्रों ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के घाटी की यात्रा से लौटने के दो दिन बाद केंद्र ने राज्य में 10 हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात करने का फैसला किया था.
29-7-2019
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर से जड़े पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी. केंद्र द्वारा राज्य में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों की तैनाती के बाद घाटी को लेकर बीजेपी ने यह पहला बड़ा आगे बढ़ाया था. बताया जा रहा था कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह भी शामिल हो सकते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल के कश्मीर दौरे से लौटने के बाद से कहा जा रहा था कि केंद्र धारा 370 और 35 ए को रद्द करने जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा था कि घाटी में लोगों को शांत करने और लोगों को आश्वस्त करने के बजाय 15 अगस्त से राज्य के लोगों की परेशानी बढ़ाने का दावा किया जा रहा था. वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वे राज्य की विशेष स्थिति के साथ छेड़छाड़ के विरोध में अंत तक लड़ेंगे. उन्होंने कहा- हम केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि 35 ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा.
30-7-2019
जम्मू और कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनाती की खबरों के बाद अब प्रशासन ने वहां स्थित मस्जिदों की जानकारी मांगी थी. सरकार का घाटी में जवानों की तैनाती पर विपक्षी पार्टीयां स्थिति को साफ करने की मांग कर रही थी. वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया था कि 'केंद्र के घाटी में अतिरिक्त दस हजार जवानों की तैनाती के फैसले ने लोगों में भय व मनोविकृति पैदा की है. कश्मीर में सुरक्षाबलों की कमी थोड़े ही है!' उन्होंने कहा, 'जम्मू एवं कश्मीर राजनीतिक समस्या है, जिसे सैन्य तरीकों से नहीं सुलझाया जा सकता. भारत सरकार को अपनी नीति में बदलाव करने की जरूरत है.'
पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके फारुख अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की थी. महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हाल के घटनाक्रमों के प्रकाश में आने से जम्मू-कश्मीर में दहशत का माहौल है.'
31-7-2019
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संविधान के धारा 35A के बारे में जागरूकता अभियान चलाया. मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के तीन जिलों-कुलगाम, शोपियां और पुलवामा इलाके की यात्रा करके धारा 35A के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए पीडीपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस पर बीजेपी महासचिव राम माधव ने घाटी में भय फैलाने के लिए पीडीपी जैसे राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया था. अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है.
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1-8-2019
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति से अवगत कराया. इस दौरान फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से कहा कि धारा 35A को रद्द करने के कदम से राज्य में स्थिति बिगड़ सकती है.
2-8-2019
कश्मीर में पैदा हो रहे इन हालातों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी हैरानी जताई थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए पूछा था- कश्मीर में हो क्या रहा है. कश्मीर में 'चल रहे हालातों' के लिए सेना और वायु सेना को अलर्ट पर रखने की क्या वजह हो सकती है. ये सब 35A या परिसीमन को लेकर नहीं है. अगर वास्तव में ऐसा कोई अलर्ट जारी किया गया है तो सचमुच कुछ बड़ा होने वाला है.
3-8-2019
जम्मू और कश्मीर: श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को एएनआई को दिए संयुक्त बयान में कहा था कि राज्य में आईईडी थ्रेट बढ़ी है. सुरक्षाबलों ने पिछले दिनों में आईईडी एक्सपर्ट आतंकवादियों को मार गिराया गया है. जम्मू-कश्मीर में मौजूद सभी पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने को कहा गया था. सुरक्षा से जुड़े बदले हालात को देखते हुए राज्य की प्रमुख पार्टियों ने आपात बैठक बुलाई थी.
4-8-2019
जम्मू-कश्मीर में तीन दिन से मची हलचल को लेकर रविवार को पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत कई क्षेत्रीय नेता पहुंचे थे. कश्मीर में फैले तनाव को लेकर बैठक में चर्चा हुई. बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मैं दोनों देशों, भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई भी कदम न उठाएं जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़े.' वहीं, कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी.
5-8-2019
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा कश्मीर में लागू धारा 370 (Article 370) और (Article 35A) को खत्म करने के प्रस्ताव को पेश किया गया. जिसके बाद राज्यसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी. जिसका सीधा मतलब ये है कि जम्मू कश्मीर से 35ए को हटा दिया गया है और धारा 370 को हटाया जाएगा. इसके साथ ही राज्यसभा में ये भी ऐलान किया गया है कि लद्दाख को जम्मू और कश्मीर से अलग किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau