राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक आतंकी फंडिंग के मामले में घाटी से अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इस गिरफ्तारी से असली समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा।
एक समारोह में महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'एनआईए की गिरफ्तारी से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा। यह सिर्फ एक प्रशासनिक कदम हैं और यह कदम जम्मू-कश्मीर की वास्तविक समस्या को हल नहीं कर सकता। इसे एक बेहतर विचार के साथ बदलना जरूरी है।'
महबूबा ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 35 (ए) में कोई बदलाव, जो जम्मू-कश्मीर के लिए एक विशेष राज्य प्रावधान देता है और जिस पर सुप्रीम कोर्ट में बहस की जा रही है वह घाटी में रहने वाले लोगों के पक्ष में नहीं होगा।
अनुच्छेद 35 (ए) राज्य विधानसभा को 'स्थायी निवासियों' को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है।
पीडीपी की अध्यक्ष ने कहा, 'अनुच्छेद के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा। मुझे यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं होगा कि (यदि अनुच्छेद को खत्म किया जाता है तो) कोई भी कश्मीर में राष्ट्रध्वज का शव को भी हाथ नहीं लगाएगा। मैं इसे स्पष्ट कर देती हूं।'
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गौरतलब है कि सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पाकिस्तान से धन लेने के मामले में गिरफ्तार कश्मीरी अलगाववादी नेता- अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहरज कलवाल, शाहिद-उल-इस्लाम, न्यूम खान और बिट्टा कराटे को 10 दिनों की एनआईए कस्टडी में भेज दिया गया। बुधवार को अलगाववादी नेता और डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (डीएफपी) के अध्यक्ष शब्बीर शाह को भी गिरफ्तार किया गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान से फंड लेने के आरोप में इन अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है।
शब्बीर शाह को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था और उन्हें सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया था।
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Source : News Nation Bureau