कश्मीरी अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी ने सोमवार को तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। गिलानी के बदले वरिष्ठ अलगाववादी नेता मुहम्मद अशरफ सेहराई को संगठन का अध्यक्ष बनाया गया है।
तहरीक-ए-हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा, 'सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व में श्रीनगर कार्यालय में संगठन की मीटिंग हुई जिसमें मुहम्मद अशरफ सेहराई को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया।'
गिलानी हालांकि अलगाववादी ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन बने रहेंगे। तहरीक-ए-हुर्रियत गिलानी की अगुवाई वाली हुर्रियत समूह का एक घटक है। जमात-ए-इस्लामी में फूट के बाद अगस्त 2004 में इसका गठन किया गया था।
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में गिलानी एक प्रमुख अलगाववादी नेता हैं और कई दशकों से कश्मीर के अलग होने की आवाज उठाते रहे हैं।
इससे पहले गिलानी ने शुक्रवार को कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा के बातचीत के प्रस्ताव को फिर से ठुकरा दिया था।
हुर्रियत का कहना है कि जब तक कश्मीर विवाद को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से हल करने की कोशिश नहीं की जाती है, तब तक वह चर्चा नहीं करेंगे। उन्होंने भारत से कश्मीर के विवादित स्थिति को स्वीकार करने और जनमत संग्रह कराने के लिए क्षेत्र से सेना हटाने की भी मांग की।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कश्मीर घाटी में आतंकवाद और हिंसा के बढ़ने में गिलानी पर आरोप लगाए आते रहे हैं वहीं उमर के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने गिलानी से मांग की थी कि वे कश्मीर के लोगों को और टूटने से बचाएं।
सैय्यद अली शाह गिलानी जम्मू-कश्मीर के सोपोर विधानसभा से 1972, 1977 और 1987 में तीन बार विधायक रह चुके हैं।
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HIGHLIGHTS
- गिलानी ने सोमवार को तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया
- वरिष्ठ अलगाववादी नेता मुहम्मद अशरफ सेहराई को संगठन का अध्यक्ष बनाया गया
- गिलानी सोपोर विधानसभा से 1972, 1977 और 1987 में तीन बार विधायक रह चुके हैं
Source : News Nation Bureau