इसी साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद बुधवार यानी 12 जून को जम्मू कश्मीर में एक बार फिर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया. इस बार ये हमला अनंतनाग में बस स्टैंड के पास हुआ. जानकारी के मुताबिक गाड़ी में बैठ आतंकवादी अचानक सीआरपीएफ के जवानों पर गोली चलाने लगे. जिस वक्त ये हमला हुआ उस वक्त जवान ड्यूटी पर तैनात थे. इस आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए हैं जबिक घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं एक आतंकवादी भी ढेर कर दिया गया है.
इस आतंकी संगठन ली जिम्मेदारी
जानकारी के मुताबिक इस हमले की जिम्मेदारी अल-उमर-मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन ने ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आतंकी संगठन का सरगना मुश्ताक अहमद जरगार है जो अपना गुट पाकिस्तान से चलाता है. जरगार, मसूद अजहर के पुराने साथियों में से एक है. कंधार कांड के बाद भारत को जिन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था उनमें मसूद अजहर और शेख उमर के साथ मुश्ताक अहमद जरगार भी शामिल था. खबरों के मुताबिक रिहा होने के बाद जरगार 20 सालों तक शांत था जिसके बाद अब वो दोबारा सक्रिय हुआ है. मुश्ताक अहमद जरगार को 1992 में गिरफ्तार किया गया था. 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण में भी उसका नाम सामने आया था.
बता दें, आतंकियों की ओर से अचानक किए गए हमले में सीआरपीएफ के कांस्टेबल संदीप यादव, कांस्टेबल सतेंद्र कुमार, कांस्टेबल महेश कुमार कुशवाहा, एएसआई निरोध शर्मा और एएसआई रमेश कुमार शहीद हो गए. जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसएचओ और एक महिला घायल हो गई. वहीं सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को भी ढेर कर दिया.
Source : News Nation Bureau