नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को जवाब दिया है।
उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने घाटी में आतंकवाद और हिंसा को दोबारा उभरने का मौका दिया।
उमर अब्दुल्ला ने रविशंकर प्रसाद के एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'दरअसल मंत्री जी यह कहानी बताती है कि आपकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा को दोबारा उभरने का मौका दिया जिससे सुरक्षा बलों को और अधिक आतंकियों को मारने को मजबूर किया। आपको इन आंकड़ों के लिए शर्मिंदा होना चाहिए न कि इसे उपलब्धि बतानी चाहिए।'
Actually minister sahib this tells the story of how your government allowed militancy & violence to re-emerge in J&K forcing the security forces to kill more terrorists. You should be embarrassed by these statistics not be claiming them as some achievement. https://t.co/7YmMkLTmR2
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 23, 2018
उमर अब्दुल्ला ने रविशंकर प्रसाद के उस ट्वीट पर जवाब दिया जिसमें वे आतंकियों के मारे जाने के मामलों में यूपीए और एनडीए कार्यकाल की तुलना कर रहे थे।
रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया था, 'जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकियों की संख्या, 2012- 72, 2013- 67, 2014- 110, 2015- 108, 2016- 150, 2017- 217, 2018 (मई तक)- 75 है, जम्मू-कश्मीर में आतंक से मुकाबले के लिए यूपीए और एनडीए कार्यकाल के दौरान किए गए प्रयासों की यह कहानी है।'
रविशंकर प्रसाद ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान पर निशाना साधा था जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की दमनकारी नीति का सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ता है।
और पढ़ें: बुखारी की हत्या के हवाले BJP MLA ने कश्मीरी पत्रकारों को दी चेतावनी
रविशंकर प्रसाद ने गुलाम नबी आजाद के बयान पर कहा कि क्या कांग्रेस के नेता मोदी विरोध में इतना नीचे चले गए है की वो सेना के मनोबल को गिराना चाहते है।
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कार्रवाई को ऑपरेशन ऑल आउट कहना स्पष्ट रूप से बताता है कि वे बड़े जनसंहार की योजना बना रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि वे यह नहीं कहते कि इस मसले को बातचीत के जरिए हल किया जाएगा। जबकि पूरी दुनिया ने देखा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया ने अपने मसले बातचीत से हल किए।
आजाद ने कहा था कि कश्मीर की इस हालत के पीछे बड़ा कारण यह है कि जिस दिन से प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आए हैं, वो हमेशा एक्शन की बात करते हैं। इससे लगता है कि वह हमेशा बंदूक का उपयोग करना चाहते हैं। वह किसी संगठन या लोगों से बातचीत में यकीन नहीं रखते।
Source : News Nation Bureau