जम्मू-कश्मीर के सुंजवान आर्मी कैंप पर हमला करने वाला तीन पाकिस्तानी आतंकी पिछले साल जून में ही कश्मीर में दाखिल हो गया था। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सेना के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का दहशतगर्द भारी मात्रा में हथियारों से लैस था और उसने हमले को अंजाम दिया।
सेना की प्राथमिक जांच के मुताबिक, तीनों आतंकी सात महीने तक जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में छुपा रहा और हमले को अंजाम पहुंचाने के लिए साजिश रचता रहा।
आपको बता दें कि 10 फरवरी को जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप में आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। हमले में 6 सेना के जवान शहीद हो गए थे और एक नागरिक की मौत हो गई थी। वहीं सुरक्षाबलों ने करीब दो दिनों तक चले ऑपरेशन में तीन हमलावर जेईएम आतंकी को ढेर कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, 'हमले को अंजाम देने वाले जेईएम आतंकवादी पिछले साल जून में उस वक्त पाकिस्तान से भारत आए थे जब घुसपैठ के मामलों में बढ़ोतरी हो गई थी।'
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सूत्र ने बताया कि सुंजवान हमले की जांच की जा रही है और रिपोर्ट का परीक्षण सेना के टॉप ऑफिसर करेंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह के हमले दोबारा न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
सूत्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सेना के कमांडर को पूरी तरह छूट दी गई है कि वह पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करे।
आपको बता दें कि सुंजवान आतंकी हमले के बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पाकिस्तान को इस दुस्साहस की कीमत चुकानी पड़ेगी। हमारे सैनिकों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
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Source : News Nation Bureau