नोटबंदी के बाद 25.5 करोड़ जनधन खातों में कुल जमा राशि 45,636.61 करोड़ रुपए तक पहुंच गयी थी। लेकिन पिछले 15 दिनों में 3,285 करोड़ रुपए निकाले गए हैं।
हालांकि कर विभाग की जनधन खातों पर नजर बनी हुई है। 10 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच 48 लाख जनधन खातों में कुल जमा राशि 41,523 करोड़ पाई गई। नोटबंदी से पहले इन खातों में 45,636.61 करोड़ रुपये जमा थे। इन दोनों को मिलाकर कुल जमा राशि तकरीबन 87,160 करोड़ हो जाती है।
जनधन खातों के दुरपयोग को रोकने के लिए जनधन खातों से निकासी की ऊपरी सीमा 10,000 रुपए प्रतिमाह तय की गई है। इसके बावजूद पिछले 15 दिनों में इन खातों से 3,285 करोड़ रुपए निकाले गए। जनधन खातों में जमा की ऊपरी सीमा 50,000 रुपए है।
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चौंकाने वाली बात यह रही कि जनधन खातों में उनकी लिमिट से ज्यादा धनराशि जमा कराई गई। 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा के बाद इन खातों में एक महीने में 28,973 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ था।
मंत्रालय के मुताबिक, 7 दिसंबर को जनधन खातों में जमा राशि 74,610 करोड़ रुपए के रिकार्ड स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद जमा राशि में गिरावट देखने को मिली। नोटबंदी समाप्त होने से दो दिन पहले यानी 28 दिसंबर को सयह घटकर 71,037 करोड़ रुपए रह गई।
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जानकारी के मुताबिक 9 नवंबर को जनधन खातों में कुल जमा राशि 45,636.61 करोड़ रुपए थी। जनधन योजना की शुरूआत 2014 में की गई और इन खातों में नोटबंदी के बाद सबसे अधिक पैसे जमा हुए हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक पैसे जमा हुए हैं, जिसके बाद पश्चिम बंगाल और राजस्थान का नंबर आता है।
Source : News Nation Bureau