हरियाणा के जाट आरक्षण की लड़ाई दिल्ली पहुंच चुकी है। बातचीत विफल होने के बाद जाट समुदाय के लोगों ने दिल्ली में संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। जिसे देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉपरेशन (डीएमआरसी) ने शनिवार को बताया कि रविवार रात से दिल्ली के बाहर मेट्रो की सेवाएं अगली सूचना तक बंद रहेंगी। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य दिल्ली के 12 मेट्रो स्टेशन रविवार रात 8 बजे के बाद बंद हो जाएंगे, हालांकि इंटरचेंजिंग की सुविधा सभी इंटरचेंजिंग सुविधा वाले स्टेशनों पर जारी रहेगी।
डीएमआरसी ने कहा है कि गुरु द्रोणाचार्य से हुड्डा सिटी सेंटर, कौशांबी से वैशाली, नोएडा सेक्टर 15 से नोएडा सिटी सेंटर और सराय से एस्कार्ट मुजेसर तक रविवार रात 11.30 बजे से अगली सूचना तक मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी।
वहीं, राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग, जनपथ, मंडी हाउस, बाराखंभा रोड, आर. के. आश्रम मार्ग, प्रगति मैदान, खान मार्केट और शिवाजी स्टेडियम के स्टेशन रविवार रात 8 बजे से बंद रहेंगे।
आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय द्वारा 20 मार्च को संसद के बाहर किए जाने वाले विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के कई जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया।
अधिकारियों ने दिल्ली की ओर बढ़ रहे जाट समुदाय के प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए शनिवार को अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि झज्जर, हिसार और रोहतक में जिला प्रशासन ने शनिवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी है। झज्जर जिले में अधिकारियों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जाट प्रदर्शनकारियों को ट्रैक्टर-ट्रालियों में दिल्ली जाने से रोकने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा पेट्रोल पंप मालिकों से 21 मार्च तक ट्रैक्टर/ट्रालियों को 10 लीटर से अधिक तेल न देने के लिए कहा गया है।
विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारी और लोक प्रशासन अधिकारी अर्धसैनिक बलों के साथ बैठकें कर रहे हैं।
जाट समुदाय ने राज्य की बीजेपी सरकार पर उनके विरोध-प्रदर्शन को 'साजिशन' कमजोर करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा था कि वे पूरे राज्य में अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे और 20 मार्च को राजधानी दिल्ली की घेरेबंदी भी करेंगे।
जाट नेताओं और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच शुक्रवार को दिल्ली में बैठक होनी थी, लेकिन हो नहीं सकी। जाट नेताओं ने खट्टर और उनकी सरकार पर जाट समुदाय से किए गए वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया है।
वहीं मुख्यमंत्री खट्टर ने आरोप लगाया है कि जाट नेता बातचीत करने से भाग रहे हैं और वह जाट नेताओं से बातचीत के लिए तैयार हैं।
जाट नेता यशपाल मलिक ने रोहतक में पत्रकारों से शुक्रवार को कहा था कि बीजेपी सरकार जाट नेताओं को गुमराह कर जाट आंदोलन को कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि खट्टर शुक्रवार को जाट नेताओं से बिना मिले ही दिल्ली से चंडीगढ़ चले आए।
यह बैठक हरियाणा सरकार के वरिष्ठतम मंत्री राम बिलास शर्मा ने गुरुवार को पानीपत में इस बैठक की घोषणा की थी।
29 जनवरी से शुरू हुए जाट आंदोलन के शनिवार को 49 दिन हो गए। इससे पहले जाट नेताओं ने वरिष्ठ अधिकारियों की पांच सदस्यीय समिति से मुलाकात की थी, लेकिन इस मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकला।
ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने इससे पहले घोषणा की थी कि जाट समुदाय अपने आंदोलन की तीव्रता बढ़ाते हुए 20 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन करेगा। जाट नेताओं ने कहा था कि वे सात तरफ से दिल्ली में प्रवेश मार्गो का घेराव करेंगे और संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
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(इनपुट IANS से भी)
HIGHLIGHTS
- जाट समुदाय ने दिल्ली में संसद घेराव का किया ऐलान, सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
- दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा में सुरक्षा बढ़ाई गई, सोमवार को कई मेट्रो स्टेशन रहेंगे बंद
- हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई
Source : News Nation Bureau