जाट आंदोलन स्थगित लेकिन दिल्ली में हाई अलर्ट जारी, खुले रहेंगे दिल्ली-एनसीआर के सभी मेट्रो स्टेशन

खट्टर के अलावा केंद्रीय मंत्री बीरेंदर सिंह और पी. पी. चौधरी ने सरकार की ओर से जाट नेताओं को आंदोलन न करने के लिए मनाने में पूरा जोर लगाया।

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abhiranjan kumar
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जाट आंदोलन स्थगित लेकिन दिल्ली में हाई अलर्ट जारी, खुले रहेंगे दिल्ली-एनसीआर के सभी मेट्रो स्टेशन
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हरियाणा सरकार से अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को पूरा करने की सहमति मिलने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार से शुरू होने वाला जाट आरक्षण आंदोलन स्थगित कर दिया गया है। साथ ही दिल्ली-एनसीआर में सभी मेट्रो स्टेशन भी खुले रहेंगे।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने रविवार को यह घोषणा की। दिल्ली में सरकार और जाट नेताओं के बीच कई दौर की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। आंदोलन टलने से दिल्ली को राहत तो मिली है, लेकिन अभी भी अलर्ट जारी है।

विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने बताया कि दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों, नई दिल्ली और कुछ अन्य स्थानों पर सुरक्षा बंदोबस्त कड़े रहेंगे और सुरक्षा इंतजाम पर नजदीक से नजर रखी जाएगी।

उन्होंने कहा, 'इन जगहों पर पुलिस तैनात रहेगी। हम स्थिति पर नजदीक से नजर बनाए रखेंगे, ताकि अगर किसी तरह की अप्रत्याशित स्थिति पैदा होती है तो हम उससे निपट सकें।'

मुख्यमंत्री खट्टर के अलावा केंद्रीय मंत्री बीरेंदर सिंह और पी. पी. चौधरी ने सरकार की ओर से जाट नेताओं को आंदोलन न करने के लिए मनाने में पूरा जोर लगाया।

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नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में दोनों केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति में हुई बैठक के बाद खट्टर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पांच बिंदुओं पर समझौता हुआ है, जिसमें जाट समुदाय को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिए जाने की प्रक्रिया शुरू करना है।

इस समझौते में 2010 के बाद से जाट आंदोलनों में शामिल रहे जाट समुदाय के लोगों के मामलों पर पुनर्विचार करना और हरियाणा में फरवरी, 2016 में हुए जाट आंदोलन के दौरान मृतकों और अपंग हुए लोगों के एक नजदीकी रिश्तेदार को स्थायी नौकरी देना शामिल है।

मीडिया के सामने समझौते के बारे में बताते हुए खट्टर ने कहा, 'हरियाणा में जाट सहित पांच जातियों को आरक्षण देने संबंधी विधेयक अभी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।'

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उन्होंने यह भी कहा, 'उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पदाधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के बाद केंद्र में भी जाट समुदाय को आरक्षण देने के लिए विधि सम्मत प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'साल 2010 से 2017 के बीच हुए जाट आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों की फिर से समीक्षा करवाई जाएगी और जाट समाज के साथ पूरा न्याय किया जाएगा।'

खट्टर ने कहा, 'जाट आरक्षण आंदोलनों के दौरान मृतकों के आश्रितों व अपंगों को स्थाई सरकारी नौकरी दी जाएगी। घायलों के लिए सरकार द्वारा पूर्व में घोषित की गई मुआवजा राशि जल्द दी जाएगी।'

मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, 'यह सब तय समयसीमा के अंदर किया जाएगा। हमारी सरकार जाटों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।'

केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने कहा, 'संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पिछली केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण की प्रक्रिया कानून सम्मत नहीं थी। सर्वेक्षण विवरण में काफी कमियां थी। परिणामस्वरूप जाटों को दिया गया आरक्षण सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया। मौजूदा केंद्र सरकार का प्रयास होगा कि प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि या कमी न रहे।'

जाट नेता मलिक ने हरियाणा सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री द्वारा दी गई सहमति पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि 20 मार्च को दिल्ली में जाट समाज का प्रस्तावित कूच व प्रदर्शन कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।

वहीं मलिक ने कहा कि सोमवार को संसद भवन तक होने वाला मार्च नहीं किया जाएगा। मलिक ने हालांकि यह भी कहा कि इस बीच हरियाणा में विभिन्न जगहों पर सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेंगे।

खट्टर रविवार को योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने लखनऊ जाने वाले थे, लेकिन इस मुद्दे के चलते उन्हें अपनी लखनऊ यात्रा रद्द करनी पड़ी।

जाट समुदाय द्वारा बुलाए गए धरने से दिल्ली में सुरक्षा-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी, क्योंकि इस समय संसद की कार्यवाही चल रही है। जाट आंदोलन के चलते राजधानी में आम जन-जीवन के प्रभावित होने की आशंका थी।

Source : IANS

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