Javed Akhtar On Urdu Language : मशहूर गीतकार और फिल्मी दुनिया के सबसे बड़े लेखकों में शुमार जावेद अख्तर ने उर्दू ( Javed Akhtar On Urdu ) को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि उर्दू हिंदुस्तानी भाषा है. हिंदुस्तान में ही पैदा हुई. ऐसे में उसे बढ़ावा देने की जरूरत है. जावेद अख्तर ने कहा कि उर्दू को पाकिस्तान से जोड़ना गलत है. उर्दू तो हमारी है. ठीक वैसे ही, जैसे कश्मीर हमारा है. पाकिस्तान का जन्म तो 70-75 साल पहले हुआ है. ऐसे में उर्दू पाकिस्तान की कैसे हुई. उन्होंने कहा कि कश्मीर की तरह ही उर्दू भी हिंदुस्तानी है. हमें ही इसके विकास पर ध्यान देना होगा.
उर्दू एलबम की लॉन्चिंग के दौरान कही दमदार बात
जावेद अख्तर ने ये बातें एक कार्यक्रम में कही. ये कार्यक्रम एक उर्दू एलबम की लॉन्चिंग का था. बता दें कि जावेद अख्तर मशहूर लेखक हैं. और गीतकार भी हैं. वो पिछले महीने पाकिस्तान गए थे, जब उन्होंने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान को आईना दिखाया था. उन्होंने कहा था कि मुंबई पर हमला करने वाले कहीं दूर से नहीं, बल्कि पाकिस्तान से आए थे. ऐसे में हिंदुस्तानी अगर शिकायत करता है, तो पाकिस्तानियों को बुरा मानने की जरूरत नहीं है. अब उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान तो भारत से ही निकला है. उसका वजूद ही 75 साल के करीब का है. ऐसे में उर्दू को पाकिस्तान से जोड़ना गलत है. उर्दू हिंदुस्तानी है.
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उर्दू हिंदुस्तानी भाषा, युवा अपनाएं
जावेद ने कहा कि जैसे पाकिस्तान कश्मीर मांगता है, तो क्या कश्मीर पाकिस्तान का हो जाएगा? कश्मीर जैसे हिंदुस्तान का है, वैसे ही यहीं की मिट्टी में पली बढ़ी उर्दू भी हिंदुस्तान की ही है. युवाओं को हिंदी और उर्दू से नहीं भागना चाहिए. ये तो हमारी अपनी भाषाएं हैं. फिर उर्दू तो अकेले हिंदुस्तान की भाषा है. जैसे कि हिंदी है. जावेद अख्तर ने युवाओं पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि भारतीय युवा उर्दू से भागते हैं. वो अंग्रेजी के दीवाने हो रहे हैं. लेकिन उन्हें चाहिए कि वो हिंदी और उर्दू का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें.
HIGHLIGHTS
- जावेद अख्तर बोले, उर्दू हिंदुस्तानी भाषा
- उर्दू और हिंदी भाषा को अपनाएं युवा
- देश के विभाजन की वजह से क्यों छोड़ दें उर्दू?