प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक शेर पर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर और गुजरात के सीनियर आईपीएस विपुल अग्रवाल आपस में भिड़ गए. दरअसल, पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए एक शेर पढ़ा, ‘ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी आईना साफ करता रहा.'
इस शेर को बीजेपी गुजरात के ट्विटर हैंडल से मोदी की तस्वीर के साथ शेयर की गई और कैप्शन में इसे गालिब का शेर बताया. जिसपर जावेद अख्तर ने एतराज जताते हुए एक ट्वीट की. जावेद अख्तर ने कहा, 'जो शेर राज्यसभा में पीएम मोदी ने सुनाया है, वह गालिब का है ही नहीं. सोशल मीडिया में गलत तरीके से डाला गया है. शेर की दोनों ही लाइनें शायरी के मीटर में सही तरीके से नहीं उतरती हैं.'
जावेद अख्तर के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए आईजी रैंक के विपुल अग्रवाल ने कहा, 'जब ‘शेर’ दहाड़ता है तो बहुतों की पाचन शक्ति ख़राब हो जाती है. इसमें आपका कोई दोष नहीं जावेद अख्तर. हाजमोला खाओ बदहजमी भगाओ.'
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हालांकि इस ट्वीट के बाद विपुल अग्रवाल को लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने तो यहां तक कह डाली की आप बीजेपी में शामिल क्यों नहीं हो जाते हैं.जिसके बाद विपुल ने ट्वीट को डिलीट कर दिया.
इधर, मामला बढ़ने पर जावेद अख्तर ने एक और ट्वीट किया और कहा, 'मेरा मकसद प्रधानमंत्री साहेब की आलोचना करना नहीं था, बल्कि रिकॉर्ड को सही बनाना था. सोशल मीडिया पर ये लाइन और इसी तरह के कई दोहे गलत तरीक से गालिब के नाम से डाले गए हैं. मैं समझता हूं कि यह बहुत लोगों के लिए अहम नहीं होगा, लेकिन उन लोगों के लिए जरूर महत्व रखता है जो साहित्य से जुड़े हैं.'
HIGHLIGHTS
- राज्यसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए पढ़ी शेर
- जावेद अख्तर ने कहा ये नहीं है गालिब का शेर
- आईपीएस विपुल ने जावेद अख्तर को किया ट्रोल