कैबिनेट की नियुक्ति समिति के सचिवालय ने 31 अगस्त को रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ और अध्यक्ष के रूप में जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति की घोषणा की है. वह अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी. जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति 1 सितंबर से उनके रिटायर होने तक प्रभावी रहेगी. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने श्रीमती जया वर्मा सिन्हा को मंजूरी दे दी है. सिन्हा हाल ही में रेलवे की मीडिया बातचीत के केंद्र में थीं, जब सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में उन्होंने दुखद बालासोर दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नलिंग प्रणाली के बारे में बताया, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए थे.
कौन हैं जया वर्मा सिन्हा?
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र जया सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुई थीं. उन्होंने अपनी सेवा उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे और पूर्वी रेलवे में दी है. उन्होंने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया. बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका तक मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था. उन्होंने पूर्वी रेलवे, सियालदह डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया.
रेलवे को 9 गुना ज्यादा मिला बजट
भारतीय रेलवे की रफ्तार को पंख देने के लिए निर्मला सीतारमण ने जबरदस्त बजट का ऐलान किया है. इस बार उन्होंने 2.40 लाख करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया है. खास बात ये है कि ये 2013-14 के मुकाबले 9 गुना ज्यादा है. वहीं पिछले साल की बात करें तो यह 2020-21 के मुकाबले 1.30 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है. पिछले साल भारतीय रेलवे को 1.10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे.
वित्त मंत्री के ऐलान से साफ है कि यात्रियों के लिए रेल यात्रा न सिर्फ आसान होगी बल्कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी. दरअसल, सरकार ने अपने बजट भाषण में साफ कर दिया है कि रेलवे के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा. ऐसे में रेल हादसों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी, साथ ही यात्रियों की सुरक्षा भी पुख्ता होगी. इतना ही नहीं समय की भी बचत होगी.
Source : News Nation Bureau