पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) ने रविवार को दावा किया कि केंद्र सरकार अगर वर्ष 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर यानी 350 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल कर लेती है तो हम देश से गरीबी खास तौर पर अत्यंत गरीबी के स्तर को बिल्कुल मिटा देंगे. सिन्हा ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister narendra modi) ने वर्ष 2024 तक देश को पांच हजार अरब डॉलर यानी 350 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. यदि हम कुछ ही सालों में 350 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य पा लेते हैं तो हम लोग इस देश से गरीबी को विशेषकर अत्यंत गरीबी को बिल्कुल मिटा देंगे. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इस गरीबी को कब तक दूर कर लिया जाएगा.
सिन्हा ने कहा कि इतिहास में कभी भी किसी देश ने यह काम नहीं किया है. यह अपने आप में एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक क्रांतिकारी उपलब्धि होगी. इसलिए 350 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य अहम है. हम इस लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि आज के समय हमारी अर्थव्यवस्था 200 लाख करोड़ रूपये की है. जब हम पांच हजार अरब डालॅर पर पहुंचेंगे तो हम लोगों का उत्पादन 350 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. करीब-करीब दो गुना. जब हम यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे जो हम विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे.
सिन्हा ने बताया कि फिर अर्थव्यवस्था में हमसे आगे सिर्फ अमेरिका और चीन रहेंगे. उन्होंने कहा कि आज हम दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. हमारे आगे अभी अमेरिका और चीन के अलावा जापान एवं जर्मनी भी हैं.सिन्हा ने बताया कि वर्तमान में देश में करीब 25 करोड़ परिवार हैं और उनमें से हर परिवार को पिछले पांच सालों में मोदी के नेतृत्व वाली हमारी केंद्र सरकार की नीतियों एवं योजनाओं से लाभ मिला है. मोदी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने गरीबों के लिए ऐतिहासिक काम किया है. ये हम नहीं, बल्कि विश्व की हर संस्था एवं एजेंसी कह रही है.
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सिन्हा ने देश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रहने पर तंज कसते हुए कहा कि आज देश में परिवर्तन आया है. जो हमने 60 महीने में काम करके दिखाया है, वो 60 साल में नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि यदि हमको 350 लाख करोड़ रूपये का लक्ष्य पाना है तो इसमें सबका योगदान रहेगा. सब लोग उत्पादन बढ़ाएंगे, सब लोग अपना कर भरेंगे. तभी हम लोग वहां (इस लक्ष्य पर) पहुंचेंगे.