कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रविवार को अयोग्य घोषित किए गए जद (एस) के बागी विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा कि फैसला कानून के विरुद्ध है और वह तथा अन्य असंतुष्ट विधायक सोमवार को उच्चतम न्यायालय से संपर्क करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल निरोधक कानून के तहत 14 और विधायकों को 2023 में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य घोषित कर दिया, जिनमें कांग्रेस के 11 और तीन जद (एस) के विधायक शामिल हैं.
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रमेश कुमार ने कांग्रेस के तीन बागी विधायकों को बृहस्पतिवार को अयोग्य घोषित कर दिया था. विश्वनाथ ने कहा, अयोग्यता विधि विरुद्ध है. मात्र उन्हें जारी व्हिप के आधार पर आप विधायकों को सदन में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. विधायक ने किसी अज्ञात स्थान से कहा, अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ हम सोमवार को उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं.
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बता दें कि एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत कर्नाटक के स्पीकर रमेश कुमार ने कांग्रेस और जेडीएस के बागी 14 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है. रविवार को अचानक उठाए गए इस कदम से सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की विश्वास मत बहाली की प्रक्रिया को संजीवनी मिल गई है. अब बीजेपी के लिए जादुई आंकड़ा हासिल करना कहीं आसान हो गया है. अब बागी विधायकों को हटाने के बाद बहुमत का आंकड़ा 105 रह गया है. इससे पहले स्पीकर रमेश कुमार ने तीन निर्दलीय विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था.
11 कांग्रेस और 3 जेडीएस विधायक अयोग्य
अयोग्य करार दिए गए विधायकों में बैराठी बसावराज, मुनिरथना, एसटी सोमशेखर, रोशन बैग, आनंद सिंह, के गोपालाइहा, नारायण गौड़ा, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, एएच विश्वनाथ, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ सुधाकर, शिवराम हैब्बर और श्रीमंत पाटिल शामिल हैं. हालांकि स्पीकर ने अभी बसपा के एकमात्र विधायक एन महेश पर कोई फैसला नहीं लिया है. गौरतलब है बसपा सुप्रीमो मायावती के स्पष्ट निर्देश के बावजूद एन महेश ने कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मतदान नहीं किया था.