एनडीए ( NDA ) का प्रमुख सहयोगी दल होने के बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जदयू ( JDU ) की भागीदारी नहीं हैं. माना जा रहा है कि संभावित कैबिनेट विस्तार में जदयू के दो नेताओं को मौका मिल सकता है. इस बीच मंगलवार से दो दिवसीय दौरे पर नीतीश कुमार के दिल्ली पहंचने पर सियासी सरगर्मी बढ़ गई. हालांकि नीतीश कुमार ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान दौरे को निजी बताते हुए कहा कि वह सिर्फ आंख का इलाज कराने आए हैं.
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जदयू के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों तक दिल्ली में रहने का प्लान है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री या भाजपा अध्यक्ष आदि बड़े नेताओं से मिलने का उनका कोई कार्यक्रम अभी तय नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आंख के इलाज के लिए दिल्ली पहुंचे हैं."
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जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने बीते सोमवार को दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार में भागीदारी चाहती है. उन्होंने कहा कि जब भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जेडीयू उसमें शामिल होगा. जदयू से केंद्रीय मंत्री बनने की रेस में खुद पार्टी अध्यक्ष आरसीपी सिंह, सांसद ललन सिंह का नाम चल रहा है.
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बता दें कि मई 2019 में एनडीए की दोबारा सरकार बनने पर भाजपा ने जदयू से सिर्फ एक केंद्रीय मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे पार्टी ने ठुकरा दिया था. नीतीश कुमार की पार्टी का कहना था कि बिहार में जदयू सांसदों की संख्या को देखते हुए कम से कम दो केंद्रीय मंत्री का पद मिलना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जदयू की भागीदारी नहीं हैं
- संभावित कैबिनेट विस्तार में जदयू के दो नेताओं को मौका मिल सकता है
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों तक दिल्ली में रहने का प्लान है