जनता दल युनाइटेड यानी जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी के बीच जातीय आरक्षण और जनसंख्या नियंत्रण नीति पर जारी गतिरोध का असर अब नेताओं के बयानों में दिखाई देने लगा है. यही वजह कि दोनों दलों के नेताओं के बयानों में एक-दूसरे के प्रति छिपी कड़वाहट उजागर हो जाती है. इस क्रम में जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने शनिवार को कहा कि हमारा लक्ष्य जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना है. मैंने इसको लेकर मणिपुर और यूपी में पार्टी नेताओं के साथ चर्चा की है. राजीव रंजन ने कहा कि हम एनडीए के भागीदारों के साथ चर्चा करेंगे. अगर वे हमें इन राज्यों में भागीदार नहीं बनाते हैं, तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.
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आपको बता दें कि बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल विभिन्न मुद्दे पर जहां आमने-सामने नजर आ रहे हैं वहीं राजग में शामिल जनता दल (युनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कई मुद्दों पर एकसाथ नजर आ रहे हैं. हालांकि, इस बारे में कोई खुलकर कहने को तैयार नहीं है लेकिन नेताओं के बयान के बीच इसके संकेत मिलने लगे हैं कि राजग और जेडीयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. बिहार में अब एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या जद (यू) फिर से राजद के साथ गलबहियां करेगी? कहा जा रहा है कि आमतौर किसी भी मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण तथा जातीय जनगणना को लेकर स्पष्ट तथा भाजपा से अलग राय रखकर इसके स्पष्ट संदेश दे दिए हैं कि जद (यू) अलग राह भी अपना सकती है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने जब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की बात कही थी तभी नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर खुद मोर्चा संभाला और सामने आकर अपनी राय रखते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की नहीं बल्कि महिलाओं को शिक्षित करने की जरूरत है.
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We aim to make JDU a national party. I've held discussions with party leaders in Manipur & UP. We'll hold discussions with NDA partners. If they don't make us a partner in these states, we will fight & win the elections alone: JDU President Rajiv Ranjan Singh pic.twitter.com/LX8yknXbSB
— ANI (@ANI) August 7, 2021
इधर, नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को लेकर भी केंद्र सरकार से इस मामले को लेकर फिर से विचार करने की नसीहत तक दे डाली. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 19 एवं पुन: बिहार विधान सभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केन्द्र सरकार को भेजा गया था. केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए." उल्लेखनीय है कि राजद पहले से ही जातीय जनगणना की मांग करती रही है. इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जब जानवरों की गणना हो सकती है तो ओबीसी और इबीसी की क्यों नहीं. केंद्र सरकार की मंशा इसे लेकर ठीक नहीं है.
Source : News Nation Bureau