जेईई और नीट परीक्षाएं देने वाले अभ्यर्थियों को कोविड-19 होने का डर, परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए परिवहन सुविधाओं का अभाव, परीक्षा भवन में मास्क और दस्ताने पहन कर उत्तर पुस्तिका पर लिखने में होने वाली समस्या का डर सता रहा है. जिसका छात्रों के साथ गैर बीजेपी शासित राज्य विरोध कर रहे हैं. ओडिशा सरकार भी इन परीक्षाओं को लेकर विरोध रही है, मगर परीक्षाएं न टलने की स्थिति में राज्य सरकार ने छात्रों की सुविधा के लिए कदम उठाने का ऐलान किया है.
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ओडिशा सरकार सितंबर के पहले हफ्ते में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को मुफ्त परिवहन और ठहरने की सुविधा देगी. राज्य के मुख्य सचिव एके त्रिपाठी ने कहा कि राज्य में फैलती महामारी और बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए छात्रों को मुफ्त परिवहन और आवास प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर और कटक समेत राज्य के 7 शहरों में कुल 26 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 37,000 छात्रों के परीक्षा में बैठने की संभावना है.
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ओडिशा सरकार ने इस संबंध में जिला प्रशासन, पुलिस और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. मुख्य सचिव ने बताया कि अनलॉक के नियमों के तहत आवाजाही के लिए छात्रों का एडमिट कार्ड पास के तौर पर मान्य होगा. उन्होंने कहा कि जेईई की परीक्षा देने वाले छात्रों को परीक्षा केंद्रों की अपनी यात्रा के बारे में सरकार को पहले सूचना देनी होगी. मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि नीट परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी.
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गौरतलब है कि जेईई(मुख्य) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को होने का कार्यक्रम है. छात्र लगातार कोरोना दौर में परीक्षाएं कराए जाने का विरोध कर रहे हैं. छात्रों का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन सहित कई विपक्षी नेताओं ने ये परीक्षाएं फिलहाल स्थगित करने की मांग की.