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रोपवे हादसा: सुरक्षित निकाले गए 35 लोग, रेस्क्यू के दौरान गिर कर एक शख्स की मौत

झारखंड के देवघर में त्रिकूट रोपवे पर 48 लोग रविवार शाम से ही हवा में फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय वायु सेना और एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है. ट्रॉलियों में फंसे लोगों में से 35 लोगों का रेस्क्यू अब तक किया जा चुका है.

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Iftekhar Ahmed
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Deo Ghar ropway accident

रोपवे हादसा: सुरक्षित निकाले गए 35 लोग, हैलिकॉप्टर से गिर कर एक की मौत( Photo Credit : ANI)

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Jharkhand ropeway rescue Operations: झारखंड के देवघर में त्रिकूट रोपवे (Jharkhand ropeway) पर 48 लोग रविवार शाम से ही हवा में फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय वायु सेना (Indian Air force) और एनडीआरएफ (NDRF) की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है. ट्रॉलियों में फंसे लोगों में से 35 लोगों का रेस्क्यू अब तक किया जा चुका है. अकेले वायु सेना के जवानों ने 19 लोगों को सुरक्षित निकाल चुके हैं. हांलाकि, 25 हजार फीट की ऊंचाई पर चार ट्रॉलियों में 13 से 15 लोग अब भी फंसे हुए हैं. वहीं, हेलिकॉप्टर (Mi17 V5 & Cheetah helicopters) से रेस्क्यू करते वक्त एक शख्स की 1500 फीट की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई. इसके साथ ही इस हादसे में अब तक तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, एक दर्जन लोग जख्मी हुए हैं. इसके अलावा रेस्क्यू किए गए लोगों में से आधा दर्जन लोग बीमार हो गए हैं. इन सभी का देवघर के स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.

गौरतलब है कि देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रविवार शाम करीब पांच बजे रोपवे का सैप टूटजाने से 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल लगभग 90 लोग पहाड़ी और खाई के बीच में फंस गये थे. इनमें से 28 लोगों को रविवार को ही एनडीआरफ और स्थानीय युवकों ने रस्सियों और हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित निकाल लिया था, जबकि पहाड़ी के निचले हिस्से की ट्रॉलियों में फंसे 20-25 लोग खुद किसी तरह निकल पाने में कामयाब रहे. बाकी तकरीबन 50 लोग ट्रॉलियों में फंसे हुए थे, जिनमें से 35 लोगों को सोमवार को बाहर निकाला गया. जिन लोगों को नई जिंदगी मिली है, उनका कहना है कि सेना के जवानों ने देवदूत बनकर उन्हें बचाया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में कई स्थानीय नौजवानों ने भी भरपूर सहयोग किया.

फंसे हुए लोगों को पहुंचाया गया खाना
सोमवार को चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तेज हवा और रोपवे के तारों की वजह से भारी परेशानी हुई. इस वजह से सेना के हेलिकॉप्टरों को कई बार ट्रॉली के नजदीक पहुंच कर भी वापस लौटना पड़ा. तमाम परेशानियों और खतरों के बावजूद सेना के जवान लगातार राहत और बचाव के काम में लगे रहे. दरअसल, कई ट्रॉलियां ऐसी जगहों पर फंसी हैं, जहां आस-पास चट्टानें हैं. खतरा यह था कि ट्रॉलियों के पास पहुंचने के दौरान कहीं हेलिकॉप्टर इन चट्टानों से न टकरा जाए. कई ट्रॉलियों में फंसे लोगों तक ड्रोन के जरिए बिस्किट-पानी पहुंचाया गया, लेकिन कुछ ट्रॉलियों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत के रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है. रांची एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में  कहा कि इस हादसे के बाद युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है. एनडीआरएफ और बचाव दल के द्वारा लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. घटना पर सरकार की पूरी नजर है. सोमवार को झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी भी मौके पर पहुंचे. स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे, जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सहित कई आला अधिकारी रविवार शाम से ही घटनास्थल पर मौजूद रहे.

HIGHLIGHTS

  • त्रिकूट रोपवे पर तार टूटने के बाद फंस गए थे 48 लोग
  • 35 लोगों को सुरक्षित निकाला गया बाहर, 3 की मौत
  • ड्रोन की मदद से फंसे हुए लोगों तक पहुंचाया गया खाना
 
 

Source : News Nation Bureau

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