झारखंड के सिमडेगा जिले के एक गांव में 28 सितंबर को कथित तौर पर भूख के कारण मौत का शिकार हुई 11 साल की बच्ची की मां को उसके गांव से बाहर निकाल दिया गया है।
खबरों के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने महिला पर गांव की बदनामी करने का आरोप लगाया है। डरी सहमी महिला ने बाद में पंचायत घर में आश्रय लिया है।
सिमडेगा जिला प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों से मामले की जांच करने को कहा है।
खाद्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर काम कर रहे एक संगठन द्वारा 15 अक्टूबर को खबर दिखाने के बाद मामला सामने आया था।
बच्ची की मां ने एक बयान में कहा था कि उसकी बेटी की मौत भूख के कारण हुई है। साथ ही उसके परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत दुकानदार ने खाद्य अनाज नहीं दिया क्योंकि उसका आधार कार्ड, राशन कार्ड से जुड़ा हुआ नहीं था।
सिमडेगा जिला प्रशासन ने अब तक कहा है कि बच्ची संतोषी मलेरिया से पीड़ित थी और उसी बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हालांकि दावे को खारिज कर दिया है।
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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को सिमडेगा जिले का दौरा किया था और उपायुक्त मंजुनाथ भजनतरी से कथित तौर पर भूख से हुई मौत के मामले में विस्तृत जांच रपट की मांग की थी।
बच्ची की मौत के बाद राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि पीडीएस दुकानों पर खाद्य अनाज पहचान पत्र दिखाकर वितरित किया जाएगा।
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Source : IANS