एक तरफ हम डिजिटल भारत की बात करते है तो वहीं दूसरी तरफ तरफ देश की जनता भूख से दम तोड़ रही है. झारखंड के लातेहार से एक ऐसी ही खबर सामने आई है, यहां एक शख्स की इसलिए मौत हो जाती है क्योंकि उसे सही समय पर खाना नहीं मिल पाता है. शुक्रवार को लातेहार के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग रामचरण मुंडा की भूख की वजह से कथित रूप से मौत हो गई हैृ, मृतक ने पिछले 4 दिनों से कुछ भी खाना नहीं खाया था. बताया जा रहा है कि राशन की दुकान पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन काम नहीं कर रही थी, जिसके चलते बायॉमीट्रिक वेरिफिकेशन काम नहीं कर रहा है, इसी की वजह से राशन भी नहीं बांटा जा सका इसलिए पीड़ित परिवार को भी राशन नहीं मिल पाया और रामचरण की मौत हो गई.
वहीं रामचरण मुंडा की बेटी ने बताया, 'हमें पिछले तीन महीनों से राशन नहीं मिल है, मेरे पिता ने 4 दिनों से कुछ भी नहीं खाया था.' दूसरी तरफ ये मामला सामने आने के बाद एसडीएम ने सफाई पेश करते हुए बयान जारी कर कहा, 'यह साबित नहीं हुआ है कि उनकी (रामचरण मुंडा) मौत भूखमरी से हुई है. उन्हें सभी तरह की योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत योजना, राशन कार्ड, पेंशन का लाभ दिया जा रहा था. यहां कोई इंटरनेट कनेक्शन नहीं है इसलिए अब हम ऑफलाइन राशन वितरण पर काम कर रहे हैं.'
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बता दें कि झारखंड में भूख से मौत की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी राज्य के सिमडेगा जिले में भूख के कारण एक 11 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं धनबाद में 43 वर्षीय एक रिक्शा चालक की भी मौत भूख से हुई थी. गिरीडीह जिले के डुमरी इलाके में भी भूख ने एक 58 वर्षीय महिला की जान ले ली थी.
सिमडेगा मामले में बच्ची के परिवार का आधार कार्ड पीडीएस स्कीम से लिंक नहीं होने से अनाज नहीं मिल पाया था जिसके कारण 28 सितंबर 2017 को बच्ची की मौत हो गई थी.
Source : News Nation Bureau