भीमा-कोरेगांव हिंसा: मोदी के मंत्री रामदास अठावले ने कहा- जिग्नेश मेवाणी नहीं हैं जिम्मेदार

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने जिग्नेश मेवाणी का बचाव करते हुए कहा कि वह भीमा-कोरेगांव हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
भीमा-कोरेगांव हिंसा: मोदी के मंत्री रामदास अठावले ने कहा- जिग्नेश मेवाणी नहीं हैं जिम्मेदार

दलित नेता जिग्नेश मेवाणी (पीटीआई)

Advertisment

एक तरफ जहां महाराष्ट्र पुलिस ने दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज की है। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मेवाणी का बचाव करते हुए कहा कि वह हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) महाराष्ट्र और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी है।

अठावले ने कहा, 'जिग्नेश भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं है। मैंने इलाके का दौरा किया था और तनाव कम हुआ था। इसलिए मैं 31 दिसंबर को दिल्ली वापस चला गया था। इसी दिन, जिग्नेश ने पुणे में अपना भाषण दिया था। वह भीमा-कोरेगांव नहीं गए थे। कुछ संगठनों ने रात में बैठक की थी और एक जनवरी को हिंसा हुई थी।'

महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में पुणे पुलिस ने विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए, 505 और 117 के तहत मामला दर्ज किया। 

एफआईआर दर्ज होने के बाद गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने सभी आरोपों से इनकार किया था।

और पढ़ें: अखिलेश यादव का योगी-मोदी पर वार, कहा- 2019 में त्रस्त जनता केंद्र और UP दोनों का हिसाब लेगी

31 दिसंबर को पुणे के एक कार्यक्रम में इन दोनों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। उमर खालिद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हैं वहीं मेवाणी हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान वडगाम से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं।

गौरतलब है कि मेवाणी और खालिद ने 'एल्गार परिषद' में हिस्सा लिया था, जिसका आयोजन भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था।

आपको बता दें कि 29 दिसम्बर को महाराष्ट्र के वाधु बुद्रुक में एक स्मारक के अपवित्र करने से विवाद शुरु हुआ था। जिसके बाद भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को दंगे हुए जिसमें एक की मौत हो गई। उसके बाद महाराष्ट्र बंद के कारण राज्य भर में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई और बंद के दौरान भी एक युवक की मौत हो गई थी।

इस मामले में पुलिस ने अब तक 16 एफआईआर दर्ज किये हैं और 300 लोगों को हिरासत में लिया है।

और पढ़ें: बांग्लादेश से म्यांमार वापस लौटाना चाहते हैं रोहिंग्या हिंदू 

Source : News Nation Bureau

Union Minister Ramdas Athawale Jignesh Mevani Dalits Bhima koregaon violence
Advertisment
Advertisment
Advertisment