एक तरफ जहां महाराष्ट्र पुलिस ने दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज की है। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मेवाणी का बचाव करते हुए कहा कि वह हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) महाराष्ट्र और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी है।
अठावले ने कहा, 'जिग्नेश भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं है। मैंने इलाके का दौरा किया था और तनाव कम हुआ था। इसलिए मैं 31 दिसंबर को दिल्ली वापस चला गया था। इसी दिन, जिग्नेश ने पुणे में अपना भाषण दिया था। वह भीमा-कोरेगांव नहीं गए थे। कुछ संगठनों ने रात में बैठक की थी और एक जनवरी को हिंसा हुई थी।'
महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में पुणे पुलिस ने विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए, 505 और 117 के तहत मामला दर्ज किया।
एफआईआर दर्ज होने के बाद गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने सभी आरोपों से इनकार किया था।
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31 दिसंबर को पुणे के एक कार्यक्रम में इन दोनों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। उमर खालिद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हैं वहीं मेवाणी हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान वडगाम से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं।
गौरतलब है कि मेवाणी और खालिद ने 'एल्गार परिषद' में हिस्सा लिया था, जिसका आयोजन भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था।
आपको बता दें कि 29 दिसम्बर को महाराष्ट्र के वाधु बुद्रुक में एक स्मारक के अपवित्र करने से विवाद शुरु हुआ था। जिसके बाद भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को दंगे हुए जिसमें एक की मौत हो गई। उसके बाद महाराष्ट्र बंद के कारण राज्य भर में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई और बंद के दौरान भी एक युवक की मौत हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 16 एफआईआर दर्ज किये हैं और 300 लोगों को हिरासत में लिया है।
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Source : News Nation Bureau