उत्तर प्रदेश की एटीएस (ATS) ने देवबंद में छापेमारी कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज हुसैन तेली और आकिब अहमद को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मेरठ के देवबंद में छापेमारी के दौरान जैश के दो आतंकी पकड़े गए. छापेमारी के दौरान दोनों आतंकी के पास से 32 बोर का पिस्टल, 30 कारतूस, कुछ फोटो और वीडियो मिले हैं. शाहनवाज ग्रेनेट बनाने में माहिर है. दोनों 30 से 32 साल के हैं.
प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांन्फेंस कर देवबंद में यूपी ATS की ओर से की गई छापेमारी का खुलासा किया. उन्होंने कहा, मेरठ के देवबंद में छापेमारी के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी पकड़े गए हैं. उनकी पहचान शाहनवाज हुसैन तेली और आकिब अहमद के रूप में हुई है. दोनों पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बताए जा रहे हैं. शाहनवाज हुसैन कश्मीर के कुलगाम और आकिब पुलवामा का रहने वाला है. शाहनवाज हुसैन यहां के लोगों को आतंकवादी संगठन में भर्ती कराता था.
UP DGP OP Singh: Yesterday after inputs two suspected terrorists were caught from Saharanpur by our ATS wing. They are linked to JeM and both are from Kashmir. Shahnawaz is from Kulgam and Aqib is from Pulwama pic.twitter.com/ENRuf34bgz
— ANI UP (@ANINewsUP) February 22, 2019
डीजीपी ने बताया कि अब दोनों आतंकी को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा. इनके बाकी साथियों की भी तलाश की जा रही है. साथ ही ये भी पता लगाया जाएगा कि अभी तक शाहनवाज हुसैन कितने लोगों को आतंकवादी संगठन में भर्ती कराया है. डीजीपी ने आगे कहा, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी शाहनवाज हुसैन तेली काफी शातिर था और उसे ग्रेनेड बनाने में भी महारात हासिल है. ये दोनों देवबंद में बिना एडमिशन के रह रहे थे.
डीजीपी ने पीसी में कहा, यूपी पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यह सूचना मिली कि कुछ छात्र बिना एडमिशन के देवबंद में रह रहे थे. इस पर ATS ने छापेमारी कर दोनों आतंकी को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आतंकी के पास 32 बोर के दो तमंचे, 30 कारतूस, बहुत सारे जिहाद के वीडियो मिले हैं. यूपी एटीएस अब दोनों आतंकी को एटीएस कोर्ट में पेश करेंगे. फिर दोनों को रिमांड में लेकर फंडिंग कौन कर रहा है इसकी जानकारी करेंगे.
डीजीपी ने बताया कि अभी दोनों आतंकी से पूछताछ हो रही है. कुछ और अहम जानकारियां मिलेंगी. उसे हम मीडिया से सांझा करेंगे. उन्होंने कहा, पुलवामा हमले से इनका लिंक है या नहीं ये कहना अभी मुश्किल है. हम पूछताछ के बाद ही ये क्लियर कर पाएंगे. ये लोग पुलवामा घटना पहले यहां पर आए है या बाद में. ये जांच का विषय है.