आरटीआई संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया. इसके बाद PMO राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह से RTI की स्वायत्तता से समझौता नहीं करता है. इस तरह की कोई भी धारणा गलत या प्रेरित है. यह सत्य है कि विधेयक एक सक्षम कानून है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा कुछ बिंदुओं को छोड़ दिया गया था. नियमों को फ्रेम करने का कोई प्रावधान नहीं था. इसके लिए एक संशोधन आवश्यक था. इसलिए संशोधन को धारा 27 में लाया जा रहा है.
Minister of State for Prime Minister's Office (MoS PMO), Jitendra Singh on Right to Information (Amendment) Bill, 2019: This Bill in no way compromises the autonomy of RTI, any such conception is wrong or motivated. Truth is, the Bill is an enabling legislation. pic.twitter.com/wOOl1QZ77J
— ANI (@ANI) July 22, 2019
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जहां तक कनेक्शन बी/डब्ल्यू स्वायत्तता और आरटीआई अधिनियम की स्वतंत्रता का संबंध है, यह सेक्शन 12 (3) से संबंधित है. इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संशोधन 27 सेक्शन में किया गया था, ताकि सरकार नियमों को लागू करने के लिए अधिकृत हो जाए. सूचना आयुक्तों के कार्यकाल और उनके कार्यालय की शर्तों और शर्तों को पूरा करने के लिए धारा 13 और 16 में संशोधन किया जा रहा है. यह विधेयक आरटीआई अधिनियम को सुव्यवस्थित और संस्थागत बनाने के लिए है.
MoS PMO: A few points were left out by the UPA govt. There was no provision to frame rules, an amendment was essential. So amendment is being brought in Sec 27. As far as connection b/w autonomy&independence of RTI Act is concerned,it pertains to Sec 12(3)no changes made to that. https://t.co/s5I0pigFXQ
— ANI (@ANI) July 22, 2019
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लोकसभा में सोमवार को सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 पारित हो गया. मोदी सरकार ने बीते शुक्रवार को संसोधन विधेयक निम्न सदन में पेश किया था. संशोधन विधेयक में केंद्र सरकार को कई शक्ति देता है. जिसमें केंद्र एवं राज्य स्तर पर सूचना आयुक्तों के वेतन एवं सेवा शर्तों का निर्धारण करना शामिल है. वहीं, इस प्रस्तावित संशोधन का विरोधी दल विरोध कर रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार का इस संशोधन के जरिए इस कानून को कमजोर बना रही है.
MoS PMO J Singh: Amendment was made in Sec 27 so that the govt gets authorised to frame rules. Amendment is being made to Sec 13 & 16 to affix the tenure of Information Commissioners and terms & conditions of their office.This Bill is for streamlining & institutionalising RTI Act
— ANI (@ANI) July 22, 2019
HIGHLIGHTS
- आरटीआई संसोधन विधेयक लोकसभा में पारित
- जितेंद्र सिंह बोले- यह आरटीआई के स्वयतत्ता से समझौता नहीं करता
- यूपीए सरकार कुछ बिंदुओं को छोड़ दिया था