पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने मीरवाइज उमर फारुख सहित 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा छिन ली है. अगर सरकार द्वारा उन्हें और कोई सुविधा प्रदान की गई होगी तो उसे भी वापस ले लिया जाएगा. पुलवामा हमले के बाद से अलगाववादी के खिलाफ कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे थे. रविवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की.
यह भी पढ़ें ः पाकिस्तान ने कुरैशी-मीरवाइज की बातचीत पर अब भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब
पुलवामा आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इससे देश की जनता का गुस्सा पाकिस्तान के खिलाफ भड़क उठा है. हर कोई जवानों की बलिदानों का बदला चाहता है. इसी के तहत भारत ने रविववार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ ऐक्शन लिया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारुख समेत पांच अलगाववादी से सुरक्षा व्यवस्था वापस ले ली है. इसके अलावा अलगाववादी नेताओं में शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट भी शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुसार, रविवार शाम तक इन पांचों अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और गाड़ियां वापस ले ली जाएंगी. अब आगे से इन्हें को कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी जाएगी. अगर उनके पास सरकार द्वारा कोई अन्य सुविधा प्रदान की गई होगी तो उसे भी वापस ले लिया जाएगा.
#JammuAndKashmir administration withdraws security of all separatist leaders, including that of Mirwaiz Umar Farooq, Shabir Shah, Hashim Qureshi, Bilal Lone & Abdul Ghani Bhat.
— ANI (@ANI) February 17, 2019
यह भी पढ़ें ः अलगावादी नेता से कश्मीर पर बातचीत को लेकर भारत ने पाक उच्चायुक्त को बुलाकर जताया कड़ा विरोध
जम्मू-कश्मीर के अधिकारी ने बताया कि अगर कोई अन्य अलगाववादी को सुरक्षा व्यवस्था दी गई है तो पुलिस उसकी समीक्षा करेगी. हालांकि, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर दौरे के दौरान कहा था कि पाकिस्तान से धन प्राप्त करने वाले लोगों को दी गई सुरक्षा और इसकी स्नूपिंग एजेंसी आईएसआई की समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कुछ लोग आईएसआई और आतंकवादी संगठन से संपर्क में हैं. ऐसे लोगों की सुरक्षा की समीक्षा की जानी चाहिए.
यह भी पढ़ें ः Pulwama Attack : कुछ आतंकवादियों की वजह से देश का विकास नहीं रुकना चाहिए : सिद्धू
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, CCS की बैठक में पाक को मुंहतोड़ जवाब देने को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर का दौरा करने के बाद कहा था कि पाकिस्तान और आईएसआई से आर्थिक मदद लेने वालों की सरकारी सुरक्षा पर भी नए सिरे से मंथन किया जाएगा. इसी बयान के बाद हुर्रियत नेताओं से सुरक्षा छिन गई. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी हमला बोला था, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. इससे लेकर पूरे देश की जनता में आक्रोश है.
Source : News Nation Bureau