विवादों मे रहने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने तारीफ की है। उन्होंने कहा कि जेएनयू को उसके अच्छे कामों के लिये सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का पुरस्कार मिला है, न कि पिछले साल विवादों में रहने के लिए जिसमें ‘कुलपति को बंधक बना लिया गया था।’
प्रकाश जावडेकर ने कहा, 'राष्ट्रपति से पुरस्कार उसे रिसर्च में अच्छे काम के लिये उससे पुरस्कार मिला है, न कि संसद पर हमला करने वाले अपजल गुरू के समर्थन में नारे लगाने के लिये।'
उन्होंने लोकसभा में कहा कि एससी एसटी के करीब 100 प्रोफेसर और 25-30 दिव्यांग प्रोफेसर जल्द ही ज्वाइन करने वाले हैं।
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2016 पर चर्चा के समापन के दौरान प्रकाश जावडेकर ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब देते हुए ये टिप्पणी की। खड़गे ने पूछा था कि वो जेएनयू को अलग-थलग क्यों कर रहे हैं।
जावडेकर ने ये जरूर कहा कि जेएनयू को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का पुरस्कार मिला लेकिन साथ ही उन्होंने उससे जुड़े विवादों का भी जिक्र किया।
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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेएनयू में खाली पड़े पदों के मामले पर आपत्ति जताई थी। उनके सवाल पर जावडेकर ने कहा, “विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में 100 पद और विकलांग प्रोफेसरों के 25 पद काफी समय से खाली पड़े हैं।”
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Source : News Nation Bureau