देशभर के यूनिवर्सिटी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 'सर्जिकल स्ट्राइक डे' मनाने के लिए सर्कुलर जारी किया है. जिसे लेकर बहस छिड़ गई है. कई जगह पर इसकी आलोचना हो रही है. खुद जेएनयू (JNU) के छात्र संघ भी इसके पक्ष में नहीं है, लेकिन जेएनयू का प्रशासन इस दिवस को मनाने के पक्ष में है.
जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने कहा है कि 29 सितंबर को 'सर्जिकल स्ट्राइक डे' (surgical strike day) मनाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'जेएनयू का रक्षा बलों के साथ करीब का नाता रहा है. विश्वविद्यालय में पढ़ चुके बहुत से पूर्व छात्रों ने सीमा पर जंग लड़ी है और 'एक यूनिवर्सिटी के तौर पर हमें उनके योगदान को सम्मान देना चाहिए.'
वहीं, छात्र संघ ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि यह छात्रों पर सरकारी एजेंडा थोपे जाने जैसा है.
विपक्ष भी इसकी आलोचना कहा रहा है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह देश के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार है जब यूजीसी ने इस तरह का कोई निर्देश विश्वविद्यालयों को दिया है. यह यूनिवर्सिटी सिस्टम की स्वतंत्रता पर हमला है.
वहीं, एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावेडकर ने कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाना संस्थानों या छात्रों के लिए कोई बाध्यता नहीं है. हमने कई छात्रों और शिक्षकों के सुझाव की वजह से यह कार्यक्रम जारी किया है. जिन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह मनाने की जरूरत है.
उन्होंने ने संस्थाओं से कहा कि जो इच्छुक हैं वे अपने यहां 29 सितंबर को सेना के पूर्व अफसरों का लेक्चर आयोजित करा सकते हैं जो छात्रों को बताएंगे कि जवान किस तरह देश की सुरक्षा करते हैं, और सर्जिकल स्ट्राइक को किस तरह अंजाम दिया गया.
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Source : News Nation Bureau