जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा पर काफी राजनीति होने लगी है. सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने जेएनयू मामले में कूद गए हैं. मंगलवार को सीताराम येचुरी और डी राजा कैंपस पहुंचे थे. उन्होंने छात्र संघ नेता आईशी घोष से मुलाकात की थी. साथ ही बीजेपी के भी कई बड़े नेताओं का बयान सामने आया है. कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रही. वहीं इस मामले में हो रही राजनीती पर जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने खासी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि कृपया राजनीति ना करें, हमें अकेले छोड़ दें.
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Jawaharlal Nehru University Vice Chancellor M. Jagadesh Kumar: I would like to ask all those great personalities coming to support agitators, what about thousands of students&teachers who are deprived of their rights of doing research and teaching? Why can't you stand with them? pic.twitter.com/aQcV1l7c7r
— ANI (@ANI) January 8, 2020
वीसी ने कहा कि जो लोग आंदोलनकारियों के समर्थन में आ रहे हैं, मैं उन सभी महान लोगों से सवाल पूछा कि उन लोगों का क्या? जो अपने अधिकारों से वंचित हो गए हैं. जो लोग पढ़ाई और रिसर्च से वंचित हो गए हैं. आप लोग उनलोगों के साथ क्यों नहीं खड़े हो सकते. वीसी का साफ कहना था कि लोग आंदोलनकारियों के समर्थन में तो खड़े हो रहे हैं, लेकिन जिन लोगों को इसकी वजह से पढ़ाई में वाधा उत्पन्न होता है, उनका रिसर्च रुक गया है, उनलोगों के साथ ये लोग क्यों नहीं खड़े हो सकते.
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इसके अलावा एम जगदीश कुमार ने फीस वृद्धि पर भी बात की. उन्होंने कहा कि हम अपने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से भी संपर्क कर सकते हैं, ताकि वे ऐसे सभी छात्रों की मदद कर सकें, जो समाज के गरीब तबके से आते हैं. वहीं कांग्रेस की चार सदस्यीय वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पर उन्होंने कहा कि कृपया हमारे विश्वविद्यालय में राजनीति नहीं करें. कृपया हमलोगों को अकेला छोड़ दें और मुझे अपना काम करने दें.
दिल्ली पुलिस को जेएनयू में छात्रों पर हमला करने वाले नकाबपोश लोगों की पहचान के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. पुलिस मामला सुलझाने के कगार पर हैं. सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार लेफ्ट समर्थक छात्र पुलिस जांच को बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. बुधवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने jnu कैंपस में सुरक्षा कर्मियों के बयान दर्ज किए. साथ ही सर्वर रूम में तोड़फोड़ से जुड़े अहम सबूत जुटाने का भी दावा किया. पुलिस सूत्रों की माने तो उन 20 लेफ्ट समर्थित लोगों की पहचान कर ली गयी है, जिन्होंने जेनएयू कैंपस में यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम को तहस नहस किया था, लेकिन हॉस्टल में नकाब लगाकर मारपीट करने वालों के बारे में ठोस जानकारी नहीं जुटा पाई है.
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पुलिस ने इस मामले में कुल 150 से ज्यादा लोगों की लिस्ट बनाई है, जो पिछले 3 दिन से कैंपस में चल रहे विवाद से कहीं न कहीं जुड़े हैं. crime ब्रांच की टीम ने आज पेरियार होस्टल में जाकर कुछ एबीवीपी से जुड़े छात्रों से पूछताछ की और जानकारी मांगी. गुरुवार को पुलिस जेनएयू छात्र संघ के पदाधिकारियों से पूछताछ करेगी. वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुलपति से कहा कि जेएनयू अग्रणी विश्वविद्यालय है और उसे वैसे ही बनाए रखा जाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau