जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें पुलिस ने आईशी घोष समेत 9 संदिग्ध लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, जिन्होंने जेएनयू में छात्रों पर हमला किया था. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा पर शुक्रवार को दिल्ली पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि जेएनयू में वाम मंसूबे अब बेनकाब हो गए हैं. उन्होंने वामदलों पर जेएनयू परिसर को राजनीतिक लड़ाई का मैदान में तब्दील करने का आरोप भी लगाया.
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पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट किया कि जेएनयू में वाम मंसूबे बेनकाब. उन्होंने भीड़ की अराजकता का नेतृत्व किया, कदरताओं के पैसे से खड़ी की गई सरकारी संपत्ति को नष्ट किया, नए विद्यार्थियों को पंजीकरण से रोका और परिसर को राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया. दिल्ली पुलिस के सबूत जारी करने के बाद जेएनयू हिंसा में वामपंथियों का हाथ सबके सामने आ गया है.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी जाय टिर्की ने कहा कि जांच में पाया गया है कि इन मामलों से संबंधित काफी गलत सूचना फैलाई जा रही है. दिल्ली पुलिस ने हमलावरों की तस्वीर जारी की है. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 हमलावर हैं. तस्वीर में आरोपियों के नाम भी हैं. जिन लोगों की पहचान की गई उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आयेशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में कैद संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं. इसके बाद जेएनयू हिंसा की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डॉ. जॉय टिर्की ने कहा कि अब तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने 1-5 जनवरी तक छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण करने का फैसला किया था. जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन सहित स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन इसके खिलाफ थे.
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इसके बाद विवाद लगातार बढ़ता गया और पांच जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया. जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू में हिंसा करने को व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए. नकाबपोश जानते थे कि उनको किस-किस कमरे में जाना है. हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं. हालांकि, हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है. इसको लेकर हमने 30-32 गवाहों से भी बातचीत की है.
Source : Bhasha