जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष (Ishi Ghosh)ने विवादित बयान दिया है. आइशी घोष ने कश्मीर के बारे में बोलते हुए कहा कि हम इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (jamia millia islamia) पहुंचीं आइशी घोष ने कहा कि ये कश्मीर के हक की लड़ाई है, इससे पीछे नहीं हटा जा सकता है. हमारे संघर्ष के बीच हम कश्मीर को नहीं भूल सकते है. वहां के लोगों के साथ जो हो रहा है वो गलत है. हम हर मंच से उनके हक की बात करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, ' कश्मीर को अलग करते हुए हम आंदोलन नहीं जीत सकते. आइशी घोष ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है उसमें हम कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते. कश्मीर से ही संविधान में छेड़छाड़ शुरू हुई है.
बता दें कि आइशी घोष का इशारा आर्टिकल 370 और 35 ए हटाने की ओर था. केंद्र सरकार ने इसे 5 अगस्त 2019 को हटा दिया था.
कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद से केंद्र सरकार वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी. जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट, मोबाइल फोन, लैंडलाइन सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई थी जिसके बाद अब हालात सामान्य होने की वजह से इन सेवाओं को बहाल किया जा रहा है. हालांकि जगह-जगह पर इसका विरोध आज भी हो रहा है. हाल ही में मुंबई में एक लड़की पर केस दर्ज किया गया क्योंकि वो सीएए के प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर दिखाया था.
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गौरतलब है कि जेएनयू हिंसा मामले में पुलिस ने आइशी घोष पर भी मामला दर्ज किया है. वहीं आइशी घोष पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है.उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पर उन्हें पूरा भरोसा है. उन्हें इंसाफ मिलेगा.