नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) कैंपस एक बार फिर विवादों के साए में है. बीती रात जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) के एक कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की बात की गई और विवादित नारे लगाए गए. JNUSU के प्रोग्राम में सोमवार रात हुई नारेबाजी को पदाधिकारियों ने इंसाफ की लड़ाई बताया है. JNU कैंपस का विडियो एक-दूसरे को भेजा जा रहा है. इसको लेकर विवाद के और भड़कने की आशंका जताई जा रही है.
वीडियो के मुताबिक JNUSU के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि 6 दिसंबर, 1992 को जो बाबरी मस्जिद गिराया गया, वह गलत गिराया गया. इसलिए इंसाफ होगा कि बाबरी फिर से बनाई जाए. ये इंसाफ की लड़ाई है. विवादित बाबरी ढांचे को ढाहने की बरसी पर जेएनयूएसयू की ओर से बुलाए गए प्रोटेस्ट मार्च में खासकर लेफ्ट मोर्चे के छात्र संगठनों से जुड़े स्टूडेंट शामिल हुए थे. गंगा ढाबा से निकला मार्च चंद्रभागा हॉस्टल के नजदीक सभा में तब्दील हो गया और वहीं विवादित भाषण और नारेबाजी को अंजाम दिया गया. नारेबाजी में हाशिमपुरा दंगा, दादरी कांड और बाबरी विध्वंस को लेकर इंसाफ की मांग की गई.
दो दिन पहले डॉक्यूमेंट्री को लेकर हुआ था 'ड्रामा'
इससे दो दिन पहले 4 दिसंबर को जेएनयू प्रशासन ने जेएनयू छात्र संघ को डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' दिखाए जाने का कार्यक्रम रद्द करने की सलाह दी थी. प्रशासन के मुताबिक परिसर में इस तरह की अनधिकृत गतिविधि सांप्रदायिक सद्भाव और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकती है. वहीं छात्र संघ ने कहा कि शनिवार को रात नौ बजे डॉक्यूमेंट्री को दिखाने के कार्यक्रम पर आगे बढ़ा जाएगा. टेफ्लास के हॉल में इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने के कार्यक्रम को लेकर छात्रसंघ की नेता आइशी घोष ने फेसबुक पोस्ट कर भी स्टूडेंट को बुलाया था.
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लेफ्ट छात्र संगठनों के मुताबिक राम के नाम डॉक्यूमेंट्री में आरएसएस-बीजेपी और उससे जुड़ी सरकार पर हमला बोला गया है. इसलिए जेएनयू प्रशासन इसे दिखाने से मना कर रही थी. यह यूट्यूब पर भी है और प्रशासन छात्रों को कुछ देखने से मना नहीं कर सकता.
HIGHLIGHTS
- JNUSU के प्रोग्राम में सोमवार रात नारेबाजी में बाबरी, दादरी और हाशिमपुरा का जिक्र
- प्रोटेस्ट मार्च में खासकर लेफ्ट संगठनों से जुड़े स्टूडेंट शामिल हुए थे
- JNU कैंपस का विडियो एक-दूसरे को भेजने से विवाद भड़कने की आशंका