एच-1बी पेशेवरों के लिए अमेरिकियों से काम छीनना गलत: जॉन चैम्बर्स

सिस्को के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन चैम्बर्स ने मीडिया से कहा, 'आप तमाम एच1-बी वीजा लेकर अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां इसलिए नहीं छीन सकते, क्योंकि ऐसा करने से आपकी लागत कम हो सकती है।'

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vinita singh
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एच-1बी पेशेवरों के लिए अमेरिकियों से काम छीनना गलत: जॉन चैम्बर्स

सिस्को के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन चैम्बर्स (फाइल फोटो)

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नेटवर्क उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनी सिस्को के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन चैम्बर्स ने कहा है कि विदेशों से सॉफ्टवेयर इंजीनियर लाकर अमेरिकी लोगों को नौकरी से हटाना गलत है और चेतावनी दी कि जहां तक एच-1बी वीजा की बात है, तो इस बारे में हमें सचेत रहना होगा कि 'हम गलत कदम न उठाएं।'

चैम्बर्स ने मीडिया से कहा, 'आप तमाम एच1-बी वीजा लेकर अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां इसलिए नहीं छीन सकते, क्योंकि ऐसा करने से आपकी लागत कम हो सकती है। यह केवल एक गलती है। हमें इस बात पर ध्यान देना होगा।'

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रौद्योगिकी कंपनियों से अमेरिका में अधिक से अधिक निर्माण करने व ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी लोगों को नौकरियां देने के लिए प्रोत्साहित करने के बाद इंफोसिस और विप्रो जैसी भारत की सॉफ्टवेयर क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने हाल में अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को नौकरी पर रखने का फैसला किया है।

चैम्बर्स ने हालांकि कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में मदद करने के लिए सिस्को भारत के साथ-साथ अमेरिका में निवेश तथा अधिक संख्या में भारतीयों को नौकरी पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

चैम्बर्स ने मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'निवेश के लिहाज से भारत एक बहुत बहुत बड़ा बाजार है। इसके पास पढ़ा-लिखा संसाधन है, जो यहां कंपनियों को व्यापार व विनिर्माण करने में मदद करता है। प्रगति काफी अच्छी है, लेकिन हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा।'

उन्होंने कहा, 'अमेरिका के साथ भी यही बात है। यह दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा है। हमारे दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने से अमेरिका में लगभग 30.3 करोड़ लोगों और यहां लगभग 1.3 अरब लोगों को फायदा होगा। हम ज्यादा तेजी से तरक्की कर सकते हैं, क्योंकि हमारा उद्देश्य एक ही है।'

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सिस्को के नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद तथा गुरुग्राम के केंद्रों में लगभग 12,000 लोग कार्यरत हैं। चैम्बर्स ने कहा, 'अगर सिस्को भारत में आगे बढ़ता है, तो यह अमेरिका का भी विकास करेगा।'

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक नए प्रतिनिधि संगठन अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) की स्थापना की जा रही है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को आधिकारिक तौर पर नए संगठन का उद्घाटन करेंगे।

यूएसआईएसपीएफ ने एक बयान में कहा, 'यूएसआईएसपीएफ भारत और अमेरिका के बीच बेहद शक्तिशाली रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना यूएसआईएसपीएफ के कार्य का प्रमुख भाग है, लेकिन इसका लक्ष्य इससे बहुत आगे है।'

यूएसआईएसपीएफ के निदेशक मंडल में सिस्को के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन चेम्बर्स शामिल होंगे।

चेम्बर्स ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में जून में बैठक की सफलता से मुझे अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी का भरोसा है, मेरा मानना है कि यह बाकी दुनिया के लिए एक मॉडल के तौर पर काम कर सकता है।'

उन्होंने कहा, 'दोनों देश आने वाले महीनों और सालों में बड़ी उन्नति करने में सक्षम होंगे और यूएसआईएसपीएफ इस रोमांचक भविष्य का हिस्सा होने पर गौरवान्वित है।'

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष मुकेश अघी यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष होंगे और गौरव वर्मा मुख्य संचालन अधिकारी के तौर पर सेवा प्रदान करेंगे।

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Source : IANS

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