जोशीमठ क्षेत्र में लगातार भूमि धंसने की खबरें सामने आ रही हैं. इस बीच कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में कुछ घरों की दीवारों में मोटी-मोटी दरारें देखने को मिल रही हैं. उत्तराखंड के चमोली जिले में नगर पालिका इस तरह की घटनाओं से चिंतित है. इस तरह का हाल जोशीमठ के आसपास के गांवों में भी देखने को मिल रहा है. यहां पर लोगों में डर है कि कभी भी उनका घर जमींदोज हो जाएगा. सोमवार को सितारगंज विधायक सौरभ बहुगुणा ने बताया कि जोशीमठ के आसपास के गांवों का हाल भी ऐसा ही है. जोशीमठ में प्रभावित लोगों के पुनर्वास का काम जारी है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की सुरक्षा का आश्वासन देते हैं. गांवों के लोग ऐसी स्थिति से जूझ रहे हैं. इस बात की जानकारी सीएम को दी जाएगी.
जल्द जोशीमठ में ऐसे घरों और होटलों को गिराने का प्रयास हो रहा है, जिनमें भूस्खलन और धंसने के कारण दरारें सामने आ रही हैं. यहां पर होटल मलारी इन और माउंट व्यू में दरारें देखी गई हैं. इन्हें जल्द गिराया जाएगा. इसके लिए पहले लोगों को सुरक्षित स्थाना पर पहुंचाने का प्रयास हो रहा है. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के विशेषज्ञों की एक टीम की देखरेख में तोड़फोड़ में इमारतों को गिराने का काम शुरू होगा.
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जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के अनुसार, एक केंद्रीय टीम चमोली जिले में लैंडस्लाइट से होने वाले नुकसान का आकलन करेगी. प्रशासन द्वारा राहत और बचाव के प्रयास जारी रहने वाले हैं. खुराना ने पहले कहा था, "गृह मंत्रालय की एक टीम मंगलवार को जोशीमठ आएगी. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की की टीम की देखरेख में इमारतों को गिराने का काम शुरू होगा."
यहां पर अब तक के 213 कमरों को अस्थायी रूप से रहने योग्य के रूप में चिन्हित किया गया है. इनकी क्षमता 1191 अनुमानित है. इसके अलावा जोशीमठ क्षेत्र के बाहर पीपलकोटी में 2,205 की संयुक्त क्षमता वाले 491 कमरे और हॉल की पहचान की गई है.
HIGHLIGHTS
- होटल मलारी इन और माउंट व्यू में दरारें, इन्हें जल्द गिराया जाएगा
- टीम की देखरेख में इमारतों को गिराने का काम शुरू होगा
- प्रशासन द्वारा राहत और बचाव के प्रयास जारी रहने वाले हैं